यूपी के बांदा जिले में 100 साल की जिंदगी जी चुकी मां की जर्जर देह ने प्राण त्यागे तो परिवार बिलख पड़ा। बेटे अंतिम संस्कार के लिए श्मशान लेकर पहुंचे, जहां एक और अनर्थ जैसे प्रतीक्षा ही कर रहा था। मां को मुखाग्नि दे रहा छोटा बेटा अचानक बेहोश होकर गिर पड़ा। अंतिम संस्कार रोक परिजन उसे पीएचसी तिंदवारी ले गए, जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। कुछ अंतराल में दो मौतों से हाहाकार मच गया। बड़े बेटे ने लौट कर मां का अंतिम संस्कार किया है। छोटे बेटे का पोस्टमार्टम गुरुवार को होगा।
बांदा देहात कोतवाली क्षेत्र के सैमरा गांव की 100 वर्षीया पुनिया देवी पत्नी स्व. मनुवा की मंगलवार शाम मौत हो गई थी। अंतिम संस्कार के लिए घरवाले सुबह 11 बजे शव लेकर गांव के श्मशान घाट पहुंचे। पांच बेटों में सबसे छोटा 40 वर्षीय रत्तूलाल प्रजापति मुखाग्नि दे रहा था कि अचानक गिर गया। बहनोई पूर्व प्रधान केशव प्रसाद उसे पीएचसी तिंदवारी ले गए। जहां डॉक्टरों ने देखते ही मृत घोषित कर दिया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव कब्जे में लेकर मार्चरी में भेजा। गुरुवार को रत्तूलाल के शव का पोस्टमार्टम होगा।
बड़े भाई ने दी मुखाग्नि
रत्तूलाल के गिरते ही बहनोई और परिवार के कुछ सदस्य उसे लेकर तिंदवारी पीएचसी चले गए थे। इधर, अंतिम संस्कार की क्रिया अधूरी रह गई थी। बड़े भाई लल्लूराम ने लौट कर मां को मुखाग्नि दी। उन्होंने बताया कि रत्तूलाल पांच भाइयों में सबसे छोटा था। सबसे बड़ा भाई प्रहलाद, उसके बाद पहलू, श्याम और लल्लूराम हैं। रत्तूलाल मजदूर था। उसके परिवार में 15 वर्षीय बेटा पिंटू और पत्नी विमला हैं। दोनों का रो-रोकर बुरा हाल है।
पोस्टमार्टम में स्पष्ट होगी मौत की वजह
रत्तूलाल के बड़े भाई लल्लूराम ने कहा कि भाई रत्तूलाल तालाब में स्नानकर मां की चिता के पास पहुंचा तो उसने बाएं पैर के अंगूठे में किसी कीड़े के काटने की बात कही थी। आशंका है कि सांप ने काट लिया, जिससे उसकी मौत हो गई। मौत का सही कारण जानने के लिए शव का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है। देहात कोतवाली प्रभारी सुखराम सिंह ने बताया कि तिंदवारी थाना पुलिस ने शव मॉच्र्युरी में रखवाया होगा। अभी मेमो नहीं मिला है।