यूपी के मथुरा से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। जहां तेज रफ्तार से दौड़ रही ट्रेन की इमरजेंसी विंडो से एक आठ साल की बच्ची नीचे गिर गई। नींद के जागे परिजनों ने जीआरपी को इसकी जानकारी दी। जीआरपी व आरपीएफ ने तत्काल सर्च अभियान चला बच्ची को पटरियों के पास से बरामद कर लिया और जिला अस्पताल में भर्ती कराया। दुर्घटना में बच्ची का केवल पैर फैक्चर हुआ था।
मूलरूप से मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ में रहने वाले अरविंद तिवारी अपनी पत्नी रेखा तिवारी और आठ वर्षीय बालिका गौरी के साथ गीता जयंती एक्सप्रेस के एस थ्री कोच में टीकमगढ़ से मथुरा के लिए यात्रा कर रहे थे। पति व पत्नी की आंख लग गयी और बिरारी रेलवे स्टेशन के पास उनकी बेटी इमरजेंसी विंडों से नीचे गिर गयी। रेलवे स्टेशन ललितपुर पर ट्रेन के ठहरते ही दंपति ने जीआरपी की हेल्प डेस्क पर घटना की जानकारी दी।
इस सूचना के बाद उच्चाधिकारियों के निर्देशन में थाना प्रभारी जीआरपी नवीन कुमार ने तत्काल 4 टीम गठित कर ट्रैक को चार हिस्सों में बांटकर सर्च ऑपरेशन चलाया। इस कार्य में आरपीएफ का भी सहयोग लिया गया। करीब दो घंटे चली खोजबीन के दौरान रेलवे स्टेशन बिरारी और ललितपुर के मध्य खंबा नंबर 1043/3 व 1043/4 के मध्य रेलवे लाइन के किनारे झाड़ियों से गौरी को बरामद किया गया। इसके बाद टीकमगढ़ की ओर से आ रही मालगाड़ी रुकवाकर बच्ची को ललितपुर लाया गया। पैर में फैक्टर व कई अन्य जगहों पर चोट होने के कारण उसको जिला अस्पताल में भर्ती कराया। उपचार के बाद बालिका के स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है। बेटी की सकुशल बरामदगी होने पर पिता अरविंद तिवारी व मां रेखा तिवारी ने जीआरपी और आरपीएफ को खुलकर सराहा।