पश्चिम बंगाल में ‘दुर्गा पूजा कार्निवल’ में एक अलग ही तस्वीर देखने को मिली। इस कार्निवल में पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी और कई राजदूतों उपस्थित रहे। सीएम ममता बनर्जी समेत कई राजदूतों की उपस्थिति में नब्बे से अधिक पुरस्कार विजेता दुर्गा पूजा कमेटियों ने मंगलवार शाम को रेड रोड पर झांकी निकाली, जिसमें देवी की मूर्तियां प्रदर्शित की गईं। वहीं, दूसरी तरफ आंदोलनकारी जूनियर डॉक्टर्स ने एस्प्लेनेड इलाके में रानी रासमणि रोड पर प्रदर्शनकारी डॉक्टर्स के ‘द्रोह कार्निवल’ शुरू किया। बता दें कि ये डॉक्टर्स आर जी कर घटना के मामले में इंसाफ की मांग कर रहे हैं।
बंगाल की दुर्गा पूजा को ‘अमूर्त धरोहर’ को का दर्जा
जानकारी दे दें कि राज्य में ‘दुर्गा पूजा कार्निवल’ 2016 से ही हर वर्ष मनाया जाता है। बंगाल की सांस्कृतिक धरोहर से लेकर महिला सशक्तीकरण, स्वतंत्रता आंदोलन, सांप्रदायिक सद्भाव, समर्पण तक विभिन्न विषयों को पेश करते हुए झांकियों ने शहर के बीच लगभग एक किलोमीटर से ज्यादा दूरी तय की। बता दें कि वर्ष 2021 में यूनेस्को ने बंगाल की दुर्गा पूजा को ‘अमूर्त धरोहर’ का दर्जा दिया था।
कौन-कौन हुआ शामिल
फॉरवर्ड क्लब, संतोषपुर ट्राइकोन पार्क, चेतला अग्रणी, सुरुचि संघ, बालीगंज कल्चरल एसोसिएशन, बेहाला नूतन दल, अहिरीटोला सर्बोजनिन, चलताबागान सर्बोजनिन, त्रिधारा, श्रीभूमि स्पोर्टिंग, हातिबगान सर्बोजनिन सहित 90 पूजा कमेटियां ने इस कार्निवल में हिस्सा लिया। राज्य की सीएम भी अपने मंत्रिमंडलीय सहयोगियों के साथ इस प्रोग्राम में उपस्थित थीं। इसके अलावा इस प्रोग्राम में अन्य लोगों में विभिन्न देशों के राजदूत, फिल्मी सितारे और दूसरे क्षेत्रों की जानी मानी हस्तियां भी शामिल थीं। इस कार्यक्रम को देखने के लिए हजारों लोग पहुंचे। इस दौरान भारी संख्या में तैनात पुलिसकर्मियों की पैनी नजर कार्निवल के रास्ते पर थी। ड्रोन भी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इस्तेमाल किये गये।
‘द्रोह कार्निवल’ में समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों ने लिया हिस्सा
वहीं, दूसरी तरफ आंदोलनकारी जूनियर डॉक्टर्स ने कोलकाता के एस्प्लेनेड इलाके में रानी रासमणि रोड से अपना ‘द्रोह कार्निवल’ शुरू किया। इस कदम को कलकत्ता हाई कोर्ट द्वारा यहां रेड रोड पर दुर्गा पूजा कार्निवल के आसपास के क्षेत्रों में निषेधाज्ञा को हटाने के कुछ ही देर बाद उठाया गया। डॉक्टर्स की इस रैली में समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों ने हिस्सा लिया। ये डॉक्टर्स आरजी कर चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल में एक ट्रेनी डॉक्टर की बलात्कार के बाद हत्या के मामले में इंसाफ की मांग कर रहे हैं। देबाशीष हलदर नामक एक प्रदर्शनकारी डॉक्टर ने कहा, “यह आम लोगों की प्रतिक्रिया है जो पश्चिम बंगाल सरकार के असंवेदनशील रवैये के खिलाफ़ विरोध प्रदर्शन करना चाहते हैं। ऐसा लगता है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को इस बात की कोई चिंता नहीं है कि युवा चिकित्सक आमरण अनशन पर हैं।”
( Input With PTI)