म्योरपुर, हिंदुस्तान संवाद। दुद्धी तहसील के आदिवासी गांव नगवां में सात साल पूर्व बनी
म्योरपुर, हिंदुस्तान संवाद। दुद्धी तहसील के आदिवासी गांव नगवां में सात साल पूर्व बनी पानी की टंकी चालू होने के दो माह बाद ही बंद हो गई, जो अब तक चालू नहीं हो सकी। वर्ष 2016 में लगभग छह करोड़ 55 लाख रुपये की लागत से सांसद निधि से इस टंकी का निर्माण कराया गया था। इस टंकी के माध्यम से क्षेत्र के पांच हजार लोगों की प्यास बुझाने का लक्ष्य रखा गया था। पानी टंकी से आपूर्ति न होने से क्षेत्र के लोगों को दूषित पानी पीने को विवश होना पड़ रहा है।
दुद्धी तहसील के आदिवासी बाहुल्य ग्राम पंचायत नगवा में सांसद कोटे 6 करोड़ 55 लाख की लागत से बनी पानी टंकी का निर्माण कराया गया। पांच हजार आबादी के लिए शुद्ध पानी देने की योजना धन खर्च होने के दो माह बाद ही बंद हो गई और लोग दूषित और अन्य स्रोतों से प्यास बुझाने को मजबूर है। ग्रामीण विमल सिंह खरवार, दसई, अमेरिका, राजाराम, शोभनाथ, जीतू, प्रसोत्तम, विजय शंकर, धनराज आदि ग्रामीणों ने बताया कि वर्ष 2016 में बीजेपी के तत्कालीन सांसद और अब सपा सांसद छोटे लाल खरवार ने गांव को गोंद लिया था। उन्होंने पानी की व्यवस्था कराई लेकिन मात्र 55 दिन में आपूर्ति ठप कर दिया गया। तब से सात सालों से टंकी शो पीस बन कर रह गया है। ग्रामीणों ने जिलाधिकारी को पत्र लिखकर पानी आपूर्ति की मांग की है। उन्होंने कहा है कि हम ग्रामीण फ्लोराइड युक्त पानी पीने को मजबूर है। हम आदिवासियो के साथ यह अनदेखी प्रशासन की उपेक्षा का परिमाण है। आखिर भारी भरकम लागत से बनी टंकी और सभी के दरवाजे तक लगा पाइप और नल बंद करना कहा का इंसाफ है। बताया कि गांव को सीडीओ ने भी गोंद लिया था, लेकिन हम लोग वही जिंदगी जी रहे है जो 20 साल पहले जीते आ रहे है। टूटी सड़के, सिंचाई, पेयजल की समस्या मुंह बाए खड़ी है। मामले को लेकर जल निगम के अधिशासी अभियंता सहनवाज ने बताया कि जल निगम ग्रामीण पेयजल दूसरी यूनिट देखती है। मुझे मामले की जानकारी नहीं है। ग्रामीण पेयजल के अधिशासी अभियंता महेंद्र कुमार सिंह से संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन घंटी जाती रही उन्होंने फोन नहीं उठाया।