बाराबंकी जिले की कोतवाली क्षेत्र के सफेदाबाद स्थित हिंद मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस के छात्र का शव हॉस्टल के कमरे में शुक्रवार की देर रात बेडशीट के फंदे के सहारे पंखे से लटका मिला। कमरे में साथ रहने वाला छात्र उसे भोजन के लिए बुलाने पहुंचा तो घटना की जानकारी पूरे कालेज में हुई। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को फंदे से उतारा और परिजनों को सूचना दी। वाराणसी से आए परिजनों को पुलिस ने समझाया तो वह शव का पोस्टमार्टम कराने को राजी हुए। पुलिस के अनुसार जांच पड़ताल में पाया गया कि छात्र पढ़ाई को लेकर परेशान रहता था।
वाराणसी के थाना बड़ागांव के ग्राम खुशहालीपुर निवासी डॉ.अशोक कुमार यादव का पुत्र विकास प्रसाद यादव (24) बाराबंकी में नगर कोतवाली क्षेत्र के सफेदाबाद स्थित हिंद मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस द्वितीय वर्ष का छात्र था। कालेज के हॉस्टल की तीसरी मंजिल पर वह कमरा नम्बर 26 में वह अपने रूम पार्टनर मनीष सिंह के साथ रहता था। शुक्रवार की रात को मनीष पड़ोस के कमरे में किसी काम से गया था। रात करीब 9:30 बजे मनीष भोजन के लिए विकास को बुलाने के लिए अपने कमरे में पहुंचा था। जैसे ही उसने कमरे का दरवाजा खोला वह चीखने लगा। उसकी चीख सुनकर मौके पर अन्य छात्र व हॉस्टल के कर्मचारी पहुंचे। कमरे में विकास का शव बेडशीट के बने फंदे से पंखे पर लटक रहा था।
छात्र की मौत के मामले में परिजनों ने कोई आरोप नहीं लगाया है। चौकी प्रभारी मोहम्मदपुर राम अवतार ने बताया कि विकास के परिजन वाराणसी से जब हिंद अस्पताल पहुंचे तो उन लोगों ने शव को देने का आग्रह किया। वह पोस्टमार्टम नहीं कराना चाहते थे। मगर पुलिस ने उन्हें समझाया तो वह फिर पोस्टमार्टम के लिए राजी हुए। चौकी इंचार्ज ने बताया कि विकास के पिता ने साफ मना किया था कि मीडिया में कोई जानकारी नहीं दी जाए। चौकी इंचार्ज के अनुसार पीएम रिपोर्ट में खुदकुशी की पुष्टि हुई है। प्रथम दृश्य जांच में पाया गया कि छात्र पढ़ाई को लेकर तनाव में रहता था।
कमरे में मिली कई दवाइयां
एमबीबीएस के छात्र की खुदकुशी के बाद पहुंची पुलिस ने हॉस्टल के कमरे की गहन तलाशी ली मगर किसी प्रकार का कोई सुसाइड नोट नहीं मिला। पुलिस ने बताया कि कमरे में छानबीन के दौरान उसकी मेज की दराज और अलमारी से काफी मात्रा में दवाइयां मिलीं। जिसे मेडिकल कालेज के डाक्टरों को बुलाकर दिखाया गया। डाक्टरों ने बताया कि उक्त दवाएं पेट दर्द और सिरदर्द आदि की हैं। साथी छात्रों ने बताया कि दर्द को लेकर वह परेशान भी रहता था।
पढ़ाई को लेकर तनाव में रहता था छात्र
पुलिस ने मृतक छात्र के रूम पार्टनर और हॉस्टल में रहने वाले अन्य छात्रों से विकास के संबंध में पूछताछ की। जिसमें पाया गया कि पढ़ाई को लेकर विकास काफी तनाव में रहता था। पुलिस ने परिजनों से भी पूछताछ की तो पता चला कि विकास ने इंटरमीडिएट के बाद करीब पांच साल तक पढ़ाई नहीं की। इसके बाद उसे नीट की परीक्षा दिलाने के बाद एमबीबीएस में दाखिला कराया गया था। वह पढ़ाई को लेकर तनाव में रहता था। इतना ही नहीं हॉस्टल में रहने के बावजूद वह क्लास करने से कतराता था। इस कारण उसकी उपस्थिति भी कम हो गई थी। पुलिस ने बताया कि कुछ दिन पहले विकास से मिलने उसका बड़ा भाई आया था। उसने भी विकास को तनाव लेने पर काफी समझाया था।