समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव को जय प्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय केंद्र (JPNIC) जाने से रोका गया तो सरकार को सीधी चुनौती दे दी। कहा कि देखते हैं कब तक पुलिस वाले यहां खड़े रहते हैं। अखिलेश ने कहा कि पुलिस फोर्स हटते ही JPNIC जाएंगे।
लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती पर शुक्रवार को एक बार फिर लखनऊ में राजनीति गरमा गयी। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव को जय प्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय केंद्र (JPNIC) जाने से रोका गया तो सरकार को सीधी चुनौती दे दी। कहा कि देखते हैं कब तक पुलिस वाले यहां खड़े रहते हैं। अखिलेश ने कहा कि पुलिस फोर्स हटते ही JPNIC जाएंगे। अखिलेश यादव का एक वीडियो भी वायरल हो रहा है जिसमें एक इंस्पेक्टर को अखिलेश कह रहे हैं कि देखते हैं कब तक खड़े रहते हो।
अखिलेश ने कहा कि आज अगर त्योहार नहीं होता तो ये पुलिस वाले, ये बैरिकेडिंग और टीन के शेड समाजवादियों को रोक नहीं पाते। पुलिस ने गुरुवार की देर रात से ही बैरिकेडिंग कर दी थी। इसके बावजूद अखिलेश यादव वहां जाने के लिए अपने घर से सुबह निकले और घर के बाहर सड़क पर ही जेपी की प्रतिमा लाकर माल्यार्पण किया।
अखिलेश ने कहा कि टीन शेड लगाकर कोई विचारधारा को रोक नहीं सकता है। यह लोग कब तक पुलिस को यहां लगाएंगे। एक दिन, दो दिन, चार दिन, एक साल, दो साल, हम भी देखते हैं। अखिलेश ने इसे सरकार की साजिश बताते हुए कहा कि जयप्रकाश नारायण जी की जयंती के अवसर पर हम हर बार जेपीएनआईसी संग्रहालय जाते हैं। लेकिन पता नहीं यह सरकार हमें ऐसा करने से क्यों रोकती है।
यह नाकाबंदी पहली बार नहीं की जा रही है। इसने सभी अच्छे कामों को रोक दिया है। आज हम सड़क पर खड़े होकर ‘जन-नायक’ को याद कर रहे हैं। यह सरकार हमें माल्यार्पण करने से रोकना चाहती है। उन्होंने कहा कि जेपीएनआईसी में स्मारक को बेचने की साजिश के कारण ढक दिया गया है। कल्पना कीजिए, एक सरकार है जो एक संग्रहालय को बेचना चाहती है।
दरअसल, लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) ने जेपीएनआईसी में निर्माण कार्य का हवाला देते हुए अखिलेश यादव और उनके समर्थकों को जाने की अनुमति नहीं दी है। अखिलेश ने सरकार के इस कदम को लोकतंत्र की हत्या करार देते हुए अपने घर में रखी जेपी की प्रतिमा को बीच सड़क पर रख दिया और उस पर माल्यार्पण किया।
इससे पहले शुक्रवार की सुबह सपा के सैकड़ों कार्यकर्ता और समर्थक विक्रमादित्य मार्ग स्थित सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के घर के बाहर इकट्ठा हुए। काफी कार्यकर्ताओं को पुलिस ने गाड़ियों में भरकर इको गार्डन भेज दिया। वहीं अखिलेश यादव ने अपने घर के बाहर ही संबोधन किया और पार्टी दफ्तर चले गए। वहां भी मीडिया से बात करते हुए सरकार पर कई हमले किए।