आगरा की दो नाबालिग बच्चियों का पहले सौदा कर दिया गया फिर दोनों का बाल विवाह करवाया गया। दोनों बच्चियां परेशान थीं तो अपनी मां से उन्हें बचाने की गुहार लगाई। परिवार ने ही दोनों बहनों को बेच दिया था। 13 व 11 साल की दो सगी बहनें धौलपुर में कैद थीं।
आगरा की दो नाबालिग बच्चियों का पहले सौदा कर दिया गया फिर दोनों का बाल विवाह करवाया गया। दोनों बच्चियां परेशान थीं तो अपनी मां से उन्हें बचाने की गुहार लगाई। परिवार ने ही दोनों बहनों को बेच दिया था। 13 व 11 साल की दो सगी बहनें धौलपुर में कैद थीं। उनके माता-पिता कुछ समय पहले अलग हो गए थे। बच्चियां पिता के साथ रहती थीं। पिता की मौत के बाद चाचा-ताऊ पर उनकी जिम्मेदारी आ गई। परिवार के लोगों ने उनकी जिम्मेदारी उठाने की बजाए उनका सौदा कर दिया था। दोनों का राजस्थान में बाल विवाह हुआ था। बच्चियों ने पड़ोसी की मदद से मां को वीडियो भेजकर मदद मांगी।
धौलपुर पुलिस के सहयोग से दोनों बच्चियों को मुक्त कराया गया है। उन्हें मां के सुपुर्द किया गया है। चाइल्ड राइट्स एक्टिविस्ट नरेश पारस ने बताया कि विवाद के चलते माता-पिता अलग हो गए थे। दोनों बच्चियां अपने पिता के साथ रहती थीं। पिता की कैंसर से मौत हो गई। परिजनों को बच्चियां बोझ लगने लगीं। मां ने भी यह जानने का प्रयास नहीं किया कि बेटियां किस हाल में हैं। वह दो बेटों को साथ ले गई थी। बच्चियों का विवाह धौलपुर (राजस्थान) में किया गया था।
चाचा-ताऊ ने दोनों बहनें का बाल विवाह कर दिया। बच्चियां परेशान थीं। मां को फोन किया। वीडियो भेजा। तब बच्चियों की मां ने चाइल्ड राइट्स एक्टिविस्ट से संपर्क किया। वह बच्चियों की मां के साथ बाल कल्याण समिति और आगरा पुलिस से मिले। मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत की। एक शिकायत धौलपुर पुलिस को भी भेजी गई। शिकायत को एसपी धौलपुर ने गंभीरता से लिया। बच्चियों की मां को धौलपुर बुलाया। इसके बाद धौलपुर पुलिस ने दोनों बच्चियों को सकुशल मुक्त कराया। बच्चियों को उनकी मां को सौंप दिया गया।