सीसामऊ सीट से सपा का टिकट मिलने पर नसीम सोलंकी मीडिया के सामने ही फूट-फूटकर रोने लगी। वह परिजनों से लिपट गईं और खूब रोईं। नसीम ने कहा कि टिकट मिलना मेरे लिए खुशी का मौका नहीं है। यह संघर्ष की लड़ाई है।
समाजवादी पार्टी ने यूपी विधानसभा के उपचुनाव के लिए छह नामों का बुधवार को ऐलान कर दिया। कानपुर की सीसामऊ सीट से पूर्व विधायक इरफान सोलंकी की पत्नी नसीम सोलंकी को टिकट दिया गया है। टिकट मिलने पर नसीम सोलंकी मीडिया के सामने ही फूट-फूटकर रोने लगी। वह परिजनों से लिपट गईं और खूब रोईं। नसीम ने कहा कि टिकट मिलना मेरे लिए खुशी का मौका नहीं है। यह संघर्ष की लड़ाई है। कहा कि हम कमजोर नहीं हैं। कमजोर होते तो बहुत पहले भाग जाते। हम आज के लिए भी तैयार थे, आने वाले वक्त के लिए भी तैयार हैं। ये खुशी नहीं, संघर्ष की लड़ाई है।
इरफान सोलंकी को आगजनी के मामले में सजा के बाद सीसामऊ सीट रिक्त घोषित हो गई थी। इरफान की तरफ से कानूनी लड़ाई भी मुख्य रूप से उनकी पत्नी नसीम सोलंकी ही लड़ ही हैं। नसीम ने कहा कि यह चुनाव सिर्फ विधायक जी (इरफान) का चुनाव है। जितनी मेहनत हो सकती है, उससे कहीं ज्यादा करूंगी। उनके बिना मैं कुछ भी नहीं हूं। कोर्ट-कचहरी से लेकर हर जगह खूब मेहनत की है। ये आखिरी सीढ़ी है। नसीम एक दिन पहले ही इरफान सोलंकी से मिलने महाराजगंज जेल गई थीं। कहा कि उनसे दुआएं लेकर आई हूं। उन्होंने सबसे पहले मुझे बताया था कि तुम्हारा नाम एक-दो दिन में सामने आ जाएगा।
सपा के विधायक अमिताभ बाजपेयी भी इस दौरान नसीम के घर पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि नसीम का नाम घोषित होते ही जीत पर मुहर लग गई है। कहा कि नसीम नारी शक्ति का प्रतीक बनकर अपने परिवार के संघर्ष को सफलता की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाएंगी।
गौरतलब है कि नसीम के पति और सपा विधायक रहे इरफान सोलंकी को एमपी-एमएलए अदालत ने जाजमऊ आगजनी केस में सात साल की सजा सुनाई है। इसी केस में इरफान 2 दिसंबर, 2022 से जेल में बंद हैं। सजा के कारण ही इरफान की विधायकी चली गई और सीसामऊ सीट रिक्त हो गई है। माना जा रहा है कि किसी भी समय उपचुनाव का ऐलान हो सकता है। सीसामऊ सीट पर भाजपा हमेशा ही दूसरे नंबर पर रही है। यहां मुस्लिम वोटर निर्णायक हैं। ऐसे में भाजपा ने योजनाओं के बहाने मुस्लिमों को साधने के प्रयास शुरू कर दिए हैं।