पहलवान विनेश फोगाट अब विधायक बन चुकी हैं। हरियाणा विधानसभा चुनाव में उनको कांग्रेस ने जुलाना विधानसभा क्षेत्र से मैदान में उतारा था और उन्होंने करीब 6000 मतों से जीत दर्ज की। 17 अगस्त को जब पेरिस ओलंपिक से हताश होकर वे भारत लौटीं तो उनका जोरदार स्वागत दिल्ली से हरियाणा तक हुआ। किसी ओलंपिक मेडलिस्ट का उतना स्वागत नहीं हुआ होगा, उससे कई गुना ज्यादा विनेश का स्वागत हुआ। कुछ ही समय के बाद उन्होंने दंगल का अखाड़ा छोड़कर राजनीति के अखाड़े में आने का ऐलान कर दिया। कुश्ती से रिटायरमेंट ले लिया और फिर चुनाव लड़ने की ताल ठोक दी। उनका सफर मैट से लेकर विधानसभा तक कैसा रहा, ये जान लीजिए…
विनेश फोगाट का जन्म एक ऐसे परिवार में हुआ, जहां उनके आस-पास शायद पहलवानों के अलावा कोई और विधा सीखता या सिखाता कोई शख्स शायद ही रहा होगा। उनके ताऊ और पहलवान महावीर फोगाट उनके गुरू रहे। जैसे उनकी चचेरी बहनें रेस्लर थीं। वैसे ही उन्होंने ही कुश्ती की दुनिया में आने का फैसला किया। 25 अगस्त 1994 को उनका जन्म हुआ और पहला पदक उन्होंने 2013 में जीता। उस समय वह 19 साल की थीं। विनेश ने यूथ रेस्लिंग चैंपियनशिप में पहला सिल्वर मेडल जीता था। इसके बाद से उन्होंने दर्जनों मेडल बड़ी प्रतियोगिताओं में जीते। हालांकि, तीन बार ओलंपिक खेलने के बावजूद वह इस टूर्नामेंट में मेडल जीतने का खुद का और अपने ताऊ महावीर फोगाट का सपना पूरा नहीं कर सकीं।
कॉमनवेल्थ गेम्स में 3 गोल्ड मेडल, वर्ल्ड चैंपियनशिप में 2 कांस्य, एशियन गेम्स में दो मेडल और एशियन चैंपियनशिप में 8 मेडल जीतने के बावजूद वह ओलंपिक में एक मेडल भी नहीं ला सकीं। तीन बार उन्होंने लगातार ओलंपिक के लिए क्वॉलिफाई किया, लेकिन एक बार पदक हाथ नहीं लगा। पेरिस ओलंपिक 2024 में वे करिश्माई तरीके से एक ही दिन में तीन बाउट जीतकर फाइनल में पहुंची थीं और पदक पक्का किया था, लेकिन फाइनल की सुबह उनका वजन ज्यादा पाया गया था और उनको टूर्नामेंट से डिस्क्वॉलिफाई कर दिया गया था। ऐसे में उनको कोई पदक नहीं मिला। इससे पहले उनके साथ जो कुछ हुआ था, उसका गवाह पूरा देश रहा और उसी चीज ने उनको प्रेरित किया कि वे राजनीति में आएं।
ओलंपिक की तैयारी से पहले कई महीनों उन्होंने एक आंदोलन छेड़ रखा था, जिसमें उन्होंने रेस्लिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के चेयरमैन बृज भूषण शरण सिंह पर आरोप लगाए थे कि वह महिला पहलवानों के साथ बदतमीजी करते हैं और उनका यौन शोषण करते हैं। इसके अलावा भी कई आरोप WFI के चीफ पर लगाए गए। लंबे समय तक अदालतों के चक्कर भी विनेश फोगाट और तमाम पहलवानों को लगाने पड़े। बृज भूषण ने इस्तीफा तो दिया, लेकिन इससे भी विनेश खुश नहीं थीं। यहां तक कि सड़कों पर उनको दिल्ली पुलिस ने घसीटा था और उनके साथ बदतमीजी की थी। हालांकि, उस समय वह नए संसद की ओर जा रही थीं। जहां पर जाने से सभी को मना किया गया था। ऐसे में पुलिस ने उनको रोका था।