Akhilesh Yadav on suicide of Dalit in Kasganj: यूपी के कासगंज के गांव सलेमपुर बीबी में सोमवार को एक शख्स ने श्रीरामलीला मंचन के दौरान मंच के सामने लगी मेज से उठाने और पिटाई किए जाने से आहत होकर खुद को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इस घटना को लेकर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अब भाजपा (BJP) सरकार को घेरा है। अखिलेश ने कहा कि पीडीए समाज का शारीरिक अपमान दरअसल पीडीए के लोगों को मानसिक रूप से कमज़ोर करने के एक बड़े मनोवैज्ञानिक षड्यंत्र का हिस्सा है।
आत्महत्या करने वाले शख्स की पत्नी ने दो पुलिसकर्मियों पर पति को खुदकुशी के लिए प्रेरित करने का आरोप लगाया है। मामले में दो आरोपी सिपाही लाइन हाजिर कर दिए गए हैं। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मंगलवार को सोशल मीडिया प्लेटफार्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में इस घटना को लेकर भाजपा सरकार पर सवाल उठाए। उन्होंने लिखा-‘उप्र के कासगंज में एक दलित को रामलीला देखते समय, मंच के क़रीब कुर्सी पर बैठने पर पुलिस द्वारा अपमानित व पीटे जाने के बाद उस दलित की आत्महत्या का समाचार बेहद दुखद और सामाजिक रूप से चिंताजनक है। आज़ादी का तथाकथित अमृतकाल मना रही भाजपा सरकार के समय में प्रभुत्ववादी सोच को जो बढ़ावा दिया जा रहा है, ये उसका ही परिणाम है कि PDA के साथ ऐसा अपमानजनक व्यवहार करने का दुस्साहस किया जा रहा है। PDA समाज का शारीरिक अपमान दरअसल PDA के लोगों को मानसिक रूप से कमज़ोर करने के एक बड़े मनोवैज्ञानिक षड्यंत्र का हिस्सा है। ऐसी घटनाओं पर लीपापोती करना उप्र की भाजपा सरकार की आदत बन गयी है। घोर निंदनीय! इंसाफ़ हो!’
हुआ क्या था?
आत्महत्या करने वाले शख्स की पत्नी रामरती ने पुलिस को बताया कि उसका पति रमेश चंद्र, रविवार रात नौ बजे गांव में चल रही रामलीला देखने गया था। रमेश मंच के आगे लगी मेज पर बैठ गया। यह बात रामलीला कमेटी के लोगों को अच्छी नहीं लगी। आरोप है कि पदाधिकारियों के इशारे पर वहां मौजूद दो पुलिस वालों ने उसे उठा दिया। भीड़ के सामने उसे पीट दिया। इससे उसने खुद को अपमानित महसूस किया। सोमवार की सुबह घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। आरोप है कि रमेश चंद्र को अपमानित कर खुदकुशी के लिए उकसाया गया है।