यति नरसिंहानंद के बयान पर यूपी के कई जिलों में प्रदर्शन हुआ। मेरठ और अलीगढ़ उग्र प्रदर्शन हुआ तो सहारनपुर में रविवार को हुए प्रदर्शन के दौरान शेखपुरा पुलिस चौकी पर पथराव हो गया। सहारनपुर में हुई तोड़फोड़ में 13 गिरफ्तार किए गए हैं।
गाजियाबाद की डासना पीठ के महंत यति नरसिंहानंद के विवादित बयान पर मेरठ में उग्र प्रदर्शन हुआ। सहारनपुर में रविवार को हुए प्रदर्शन के दौरान शेखपुरा पुलिस चौकी पर पथराव करने के मामले में पुलिस ने 13 लोगों को गिरफ्तार किया है। सहारनपुर के पुलिस अधीक्षक (शहर) अभिमन्यु मांगलिक ने बताया, ‘शेखपुरा चौकी पर पथराव मामले में विभिन्न धाराओं के तहत 20 नामजद एवं अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। इस बीच बयान के विरोध में सोमवार को भी प्रदेश भर में कई जगह विरोध प्रदर्शनों का सिलसिला जारी रहा। प्रदर्शनकारियों ने महंत के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग करते हुए ज्ञापन सौंपे।
एमएमयू में प्रदर्शन
अलीगढ़ में एएमयू के हजारों छात्रों ने विरोध मार्च निकाला। इसमें छात्रों ने यतिनरसिंहानंद पर एनएसए की कार्रवाई और फांसी की मांग की। नारेबाजी करते हुए छात्र डक प्वाइंट से बाब-ए सैय्यद गेट पर पहुंचे। जहां सुरक्षा बलों ने रोक लिया। करीब एक घंटे तक यहां छात्रों ने नारेबाजी की और अल्लाह-हू-अकबर के नारे लगाए। एक घंटे तक चले प्रदर्शन के बाद बमुश्किल प्रशासनिक और विवि के अधिकारियों ने छात्रों को समझाया और राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन लेकर धरना समाप्त कराया। नरसिंहानंद के खिलाफ अलीगढ़ की कोतवाली ऊपरकोट में मुकदमा दर्ज किया गया है। इसे विवेचना के लिए गाजियाबाद ट्रांसफर किया जाएगा।
मेरठ में जुलूस पर पथराव
मेरठ के मुंडाली में नरसिंहानंद के विरोध में कुछ युवकों ने किशोरों और बच्चों को साथ लेकर जुलूस निकाला। इस दौरान जमकर धार्मिक नारेबाजी और पुलिस से झड़प भी हुई। पुलिस ने जुलूस रोकने का प्रयास किया तो कुछ लोगों ने पत्थर फेंक दिए जिसके बाद पुलिस ने लाठियां फटकार कर भीड़ को खदेड़ा। मामले में साजिशन का इनपुट मिलने के बाद आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है। घटना की कई वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं, जिन्हें पुलिस ने सुरक्षित किया है।
नानपारा में प्रदर्शन से तनाव
बहराइच के नानपारा में दो समुदाय की ओर से आपत्तिजनक पोस्ट पर दोनों समुदायों के लोग आमने -सामने आ गए। दोनों समुदाय की भीड़ इकट्ठा होने पर कई थानों की फोर्स नगर के गांधी पार्क के निकट इकट्ठा हो गई। तनाव के बीच दोनों पक्षों के लोगों को अधिकारी रात तक समझाने का प्रयास करते रहे।
ब्रज में भी कई जगह प्रदर्शन
ब्रज में भी जगह-जगह प्रदर्शन किया गया। एटा में मुस्लिम समुदाय ने जुलूस निकाला। एएसपी के सामने तकिया मस्जिद से लोग निकले। उनके हाथों में संविधान की तख्तियां और तिरंगा था। बाद में लोगों ने एडीएम, एएसपी को ज्ञापन सौंपा और कोतवाली नगर में तहरीर दी। शहर के बाबूगंज इलाके में कुछ समय के लिए बाजार बंद रहा। वहीं आगरा में मुस्लिम समाज की महिलाओं ने विरोध प्रदर्शन करते हुए कलक्ट्रेट में ज्ञापन दिया।
बदायूं-बरेली में सड़क पर उतरे लोग
बदायूं के दातागंज में नरसिंहानंद के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शन में बड़ी तादाद में एकत्र प्रदर्शनकारियों ने नरसिंहानंद को कड़ी सजा देने की मांग की। इस दौरान युवा नेता आतिफ खां को पुलिस ने उनके आवास पर ही नजरबंद कर दिया। उधर, ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन ने बयान देने वालों पर कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए ऐसे लोगों के खिलाफ कानून बनाने की मांग की है। उधर, हरदोई में अंजुमन इस्लामिया कमेटी ने देशद्रोह की रिपोर्ट दर्ज कराने की मांग को लेकर राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा है। यह ज्ञापन जिलाधिकारी कार्यालय में दिया गया। गोरखपुर-बस्ती मंडल में कोई विरोध प्रदर्शन नहीं हुआ है।
सरकार कड़ी कार्रवाई करे: सपा सांसद
मुरादाबाद की सपा सांसद रुचिवीरा ने डासना मंदिर के महंत स्वामी यति नरसिम्हानंद के बयान की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कलेक्ट्रेट पहुंच कर जिलाधिकारी को राष्ट्रपति के नाम संबोधित ज्ञापन सौंपा। साथ ही सवाल उठाया कि अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का बुलडोजर कहां है। आखिर ऐसी बयानबाजी करने वालों के विरुद्ध एक्शन क्यों नहीं लिया जा रहा है।
वैमन्स्यता फैलाने में एफआईआर
नरसिंहानंद के एक सहयोगी की शिकायत के बाद, धार्मिक समूहों के बीच कथित तौर पर वैमनस्य को बढ़ावा देने और अन्य अपराधों को लेकर ‘ऑल्ट न्यूज’ के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर के खिलाफ गाजियाबाद में एक प्राथमिकी दर्ज की गई है। पुलिस के मुताबिक यति नरसिंहानंद सरस्वती फाउंडेशन की महासचिव उदिता त्यागी ने कविनगर पुलिस को दी अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि जुबैर ने तीन अक्टूबर को नरसिंहानंद के एक पुराने कार्यक्रम की वीडियो क्लिप पोस्ट की, ताकि मुसलमानों को उनके खिलाफ हिंसा भड़काने के लिए उकसाया जा सके।