UP MLAs: उत्तर प्रदेश के डीएम, एसपी, कमिश्नरों और पुलिस आयुक्तों को अब विधायकों को बराबर का सम्मान देना होगा। उन्होंने सम्मानपूर्वक ठीक वैसी ही सुसज्जित कुर्सी पर बिठाना होगा, जिस पर वे खुद विराजमान रहते हैं। यदि अधिकारी की कुर्सी पर तौलिया पड़ी है तो उन्हें विधायकों के लिए भी तौलिया लगी कुर्सी का इंतजाम करना होगा। अगर अधिकारी सोफे पर बैठे हैं तो विधायकों को भी सोफे पर बिठाना होगा।
विधायकों की शिकायत पर विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने नई व्यवस्था तत्काल लागू करने के निर्देश दिए हैं। संसदीय कार्य विभाग के प्रमुख सचिव जेपी सिंह द्वितीय ने इस संबंध में सभी अपर मुख्य सचिवों व प्रमुख सचिवों, डीएम और कमिश्नरों को पत्र भेज कर यह व्यवस्था लागू करने को कहा है। पत्र में कहा गया है कि सदस्यों की प्रोटोकाल संबंधी बैठक विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना की अध्यक्षता में पिछले महीने हुई थी।
इसमें उनके संज्ञान यह बात लाई गई कि शासन व जिलों में आयोजित बैठकों में विधायक को जब आमंत्रित किया जाता है, उनमें अधिकारी अपेक्षाकृत ऊंची एवं सुसज्जित (टॉवेलयुक्त) कुर्सियों पर बैठते हैं जबकि सदस्यों के बैठने के लिए सामान्य कुर्सियां लगी होती हैं या अधिकारी सोफे पर बैठकर बैठक करते हैं तथा सदस्य कुर्सियों पर बैठे रहते हैं। यह घोर आपत्तिजनक है।
जनप्रतिनिधि (सांसद एवं विधान मण्डल के सदस्य) राज्य सरकार द्वारा निर्गत ‘सब्सिडियरी वारंट ऑफ प्रिसीडेंस’ में एक निर्धारित व उच्चतर स्तर रखते हैं। मौजूदा व्यवस्था इसका खुला उल्लंघन है। नए दिशा निर्देशों के बाद अब अधिकारी बैठकों में आमंत्रित सांसद और विधायक के प्रोटोकाल के अनुरूप बैठने की सम्मानजनक व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे।