Research Scholar Death: आगरा में छह महीने पहले एक शोध छात्रा की मौत हो गई थी। उसकी मौत के बाद शोध छात्रा का दोस्त अब न्यायालय पहुंचा है। उसने कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर पूरे मामले की शिकायत की है। उसका कहना है कि वह और शोध छात्रा एक-दूसरे को पसंद करते थे। वे शादी करना चाहते थे लेकिन दोनों का गोत्र एक था इस वजह से उसके घरवाले तैयार नहीं हुए। दोस्त के अनुसार उनके रिश्ते की जानकारी के बाद छात्रा का उत्पीड़न शुरू हो गया। आरोप है कि घरवाले उसके साथ मारपीट करने लगे। उसका लैपटॉप और मोबाइल छीन लिया। यही नहीं, आनन-फानन में उसकी शादी भी तय कर दी।
मामला आगरा के राधा नगर, फाउंड्री नगर (ट्रांसयमुना) क्षेत्र का है। शोध छात्रा की 11 अप्रैल 2024 को संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हुई थी। छात्रा के पिता पुलिस में तैनात हैं। परिजनों पर ही हत्या का आरोप है। छात्रा के एक दोस्त ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया था। अपने साथ बेरहमी से मारपीट और बंधक बनाने का भी आरोप लगाया। कोर्ट ने सुनवाई के बाद थानाध्यक्ष ट्रांस यमुना को मुकदमा दर्ज कर विवेचना के आदेश दिए हैं। रामराजा मूलत: भैंरो बाजार, बेलनगंज का निवासी है। वर्तमान में बिचपुरी मार्ग पर रहता है। विधि तृतीय वर्ष का छात्र है। रामराजा ने कोर्ट में दिए प्रार्थनापत्र में लिखा कि वह और शोध छात्रा एक दूसरे को पसंद करते थे। शादी करना चाहते थे। दोनों एक ही जाति से हैं। गोत्र एक होने की वजह से शोध छात्रा के परिजन शादी को तैयार नहीं हुए।
11 अप्रैल 2024 को गोद भराई की रस्म थी। माधुरी को बंधक बनाकर पीटा जा रहा था। उसने यह जानकारी कॉलेज के प्रोफेसर को दी थी। उसके पास इसकी रिकार्डिंग है। माधुरी बच्चों को ट्यूशन पढ़ाती थी। उसी दिन शोध छात्रा की एक छात्रा ने उसे फोन किया। बताया कि छात्रा हॉस्पिटल में भर्ती हैं। वह बाइक लेकर घर से निकला। कुछ देर बाद ही दूसरी छात्रा का फोन आया। उसे बताया कि छात्रा की मौत हो गई। वह फाउंड्री नगर पुलिस चौकी पहुंचा। शोध छात्रा की संदिग्ध मौत होने की सूचना पुलिस को दी। उसके बाद सीधे उसके घर पहुंचा। वहां एक छात्र ने उसे शोध छात्रा का लिखा एक पत्र दिया। जिसमें कैद करके रखने वाली बात लिखी थी। उस समय उसके घर पर करीब 60-70 लोग मौजूद थे। उसने घरवालों से पूछा कैसे मौत हो गई। यह सुनते ही छात्रा के पिता, भाई सहित आठ-10 लोगों ने उस पर हमला बोल दिया। उसका मोबाइल छीन लिया। उसे रस्सी से बांधकर डाल दिया। उसके साथ लूटपाट की। पिता ने उसके चेहरे पर पत्थर मारा। उसकी नाक की हड्डी टूट गई। प्लास से उसके बाल उखाड़े। घटना का कुछ लोगों ने वीडियो बनाया था। जो उसे पास मौजूद है। कुछ देर बाद पुलिस आई। पुलिस ने उसे मुक्त किया। शोध छात्रा का शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा। उससे कहा गया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आने के बाद मुकदमा लिखा जाएगा। वह जख्मी था। पुलिस ने उसे मजरूबी चिट्ठी तक नहीं दी।
पुलिस को देगा सारे साक्ष्य
अधिवक्ता रामस्वरूप कुशवाह ने बताया कि कोर्ट ने मुकदमे के आदेश दिए हैं। पीड़ित सारे साक्ष्य विवेचना के दौरान पुलिस को देगा। मुकदमा लिखाने के लिए पीड़ित ने लंबी लड़ाई लड़ी है। छात्रा के पिता पुलिस में हैं। इसलिए पुलिस ने सुनवाई नहीं की।
पुलिस ने नहीं सुनी तो कोर्ट आया
उपचार के बाद रामराजा ने तमाम प्रयास किए मगर मुकदमा नहीं लिखा सका। पुलिस उसकी सुनने को तैयार नहीं थी। पुलिस आयुक्त के यहां भी प्रार्थनापत्र दिए। रामराजा का आरोप है कि जहर देकर शोध छात्रा की हत्या की गई थी। कोर्ट ने प्रार्थनापत्र पर मुकदमे के आदेश दिए हैं।