दशहरा व दीपावली त्योहार पर माहौल बिगाड़ने की कोशिश करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाए। साथ ही भड़काऊ भाषण देने पर भी सख्ती होगी। मिशन शक्ति के पांचवें चरण को देखते हुए महिला बीट प्रणाली को और सशक्त किया जाए। महिला सिपाहियों की क्षमता पूरा इस्तेमाल किया जाए। इसके साथ ही महिला सिपाहियों को अपने क्षेत्र की महिलाओं से संवाद करने को कहा जाए। थानों पर महिला डेस्क को सक्रिय रखा जाए। डीजीपी प्रशांत कुमार ने रविवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पुलिस अफसरों के साथ बैठक में ये निर्देश दिए।
डीजीपी ने कहा कि पिछले समय चोरी, लूट व अन्य बड़ी घटनाएं जिन स्थानों पर हुई हैं, उसे चिन्हित कर वहां पर पुलिस गश्त जरूर कराई जाए। साथ ही वहां का रूट चार्ट बना लिया जाए। रात में 112 के वाहनों की फ्लैसर लाइट के साथ हूटर का इस्तेमाल भी किया जाए।
धर्मगुरुओं से सम्पर्क कर ले पुलिस अधिकारी
डीजीपी प्रशांत कुमार ने त्योहार को देखते हुए कहा कि सभी धर्म गुरुओं से एक साथ और अलग-अलग बात कर ली जाए। इसी तरह व्यवसायिक संगठन, औद्योगिक व मेडिकल एसोसिएशनों जैसे संगठनों के पदाधिकारियों से बात कर ली थी। डीएम के जरिए इन संगठनो से बात करने का अनुरोध भी कर लिया जाए ताकि शान्ति व्यवस्था न बिगड़ने पाये। इसी तरह पीस कमेटी, शान्ति समितियों की गोष्ठी भी हर स्तर पर कर ली जाए। नागरिक सुरक्षा संगठनों के सदस्यों की भी मदद ली जाए।
पूजा पण्डाल व जागरण कार्यक्रम तय स्थान पर हो
डीजीपी ने अफसरों से यह भी कि सभी जिलों में पूजा पण्डाल और जागरण कार्यक्रम तय स्थान पर ही हो। इनसे किसी भी तरह यातायात में बाधा न पहुंचे। प्रतिम विसर्जन के लिए आयोजकों से पहले ही संपर्क कर लिया जाए, जिससे की जुलूस के लिए किसी नए रास्ते का इस्तेमाल न हो। ऐसे आयोजन स्थल पर पर्याप्त संख्या में महिला-पुरुष पुलिस कर्मियों की मौजूदगी रहे। रावण दहन व रामलीला के लिए विवाद वाले मामलों पर नजर रखी जाए।
अधिकारी समय से कार्यालय में बैठे
डीजीपी ने इस बात को सख्ती से कहा कि सभी अधिकारी अपने कार्यालय में समय से बैठकर फरियादियों की शिकायतों पर सुनवाई करें। साथ ही यह भी ध्यान रखा जाए कि जो शिकायतें जन प्रतिनिधियों के माध्यम से मिले, उनकी सुनवाई जरूर की जाए। उनसे निरंतर संवाद भी बनाए रखा जाए।
साइबर अपराध को गम्भीरता से लें
डीजीपी ने कहा कि साइबर अपराध बड़ी चुनौती बने हुए हैं। इसके लिए सभी थानों पर साइबर डेस्क को अलर्ट रखा जाए। साइबर अपराध से बचाने के लिए नागरिकों के साथ जागरुकता अभियान चलाया जाए। स्कूल-कालेजों से सम्पर्क पर उन्हें साइबर अपराध से बचने के लिये बरती जाने वाली सावधानियों से रूबरू कराया जाए।