केंद्र सरकार ने सिविल सेवा परीक्षा और इंजीनियरिंग सेवा परीक्षा के जरिए रेलवे में अफसरों की भर्ती को हरी झंडी दे दी है। दरअसल आईआरएमस के जरिए पर्याप्त टेक्निकल मेनपॉवर न मिल पाने के बाद सरकार ने यह फैसला लिया है। आपको बता दें कि दिसंबर 2019 में इंटीग्रेटिड रेलवे सर्विस को कैबिनेट ने मंजूरी दी थी। इंडियन रेलवे मैनेजमेंट सर्विस (आईआरएमएस) को कैबिनेट की मंजूरी मिलने से पहले संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ही सिविल सेवा परीक्षा (सीएसई) और इंजीनियरिंग सेवा परीक्षा (ईएसई) के जरिए रेलवे अफसरों की भर्ती करता था।
टाइम्स ऑफ इंडिया वेबसाइट की खबर के अनुसार शनिवार को कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने एक ज्ञापन में कहा कि गुरुवार के रेलवे मंत्रालय के प्रस्ताव पर विचार करते हुए मंत्रालय में टेक्निकल और नॉन टेक्निकल मेनपॉवर दोनों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए यूपीएससी सीएसई और यूपीएससी ईएसई के माध्यम से भर्ती के लिए सैद्धांतिक मंजूरी दी।
कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग से विचार विमर्श करने के बाद रेलवे मंत्रालय ने शनिवार को यूपीएससी अध्यक्ष और टेलीकॉम विभाग को भी लिखा कि आईआरएमएस के जरिए होने वाली अफसरों की भर्ती अब सीएसई और ईएसई के माध्यम से किए जाने का फैसला लिया गया है। यह भी कहा गया है कि टेलीकम्युनिकेशन मंत्रालय ईएसई के लिए नोडल मंत्रालय होगा, जो इसके लिए नियम अधिसूचित करेगा और 8 अक्टूबर तक आवेदन मांगेगा। टेलीकॉम मंत्रालय और यूपीएससी से यह भी अनुरोध किया गया है कि यूपीएससी मौजूदा अधिसूचना में 225 इंजीनियरों की भर्ती जोड़कर भाग लेने की अनुमति देगा।
पत्र की मानें तो अब नई भर्ती को आईआरएमएस सिविल, आईआरएमस मेकेनिकल, आईआरएमएस इलेक्ट्रिकल, आईआरएमएस (एस एंड टी) और आईआरएमएस स्टोर्स कहा जाएगा। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि इस तरीके से यह फैसला कुछ नहीं सिर्फ पुराने सिस्टम पर वापस लौटने जैसा है।