पीलीभीत जिले के बमरोली में बंदरों के उत्पात से छत से गिरा पत्थर युवक के सिर पर गिरने से उसकी मौके पर ही मौत हो गई। युवक अपने परिवार का अकेला कमाऊ सदस्य था। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिये भेजा है।
पीलीभीत जिले के बमरोली में बंदरों के उत्पात से छत से गिरा पत्थर युवक के सिर पर गिरने से उसकी मौके पर ही मौत हो गई। युवक अपने परिवार का अकेला कमाऊ सदस्य था। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिये भेजा है।
करेली थाना क्षेत्र के गांव बमरोली निवासी मनोज कुमार (35) पुत्र रामरतन मेहनत मजदूरी कर अपने परिवार का पालन पोषण करता था। परिजनों ने बताया कि सुबह के वक्त वो लघुशंका करने गया था। छत पर बैठे उत्पाती बंदरों में लड़ाई के बाद टिन शेड रोकने के लिये रखा पत्थर नीचे खड़े मनोज के सिर गिरा। जिसमें अचेत होकर गिर पड़ा। परिजनों ने रात में डॉक्टर को दिखाया, तो मृत घोषित कर दिया। घटना के बाद परिजनों में कोहराम मच गया। शव का पोस्टमार्टम कराने के लिये परिजन करेली थाने पहुंचे। एसओ रणजीत सिंह ने बताया कि शव का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है।
बंदरों का आतंक: 20 दिन में तीन मौतें
बंदरों का आतंक बिलसंडा इलाके में हर ओर है। नगर से लेकर कस्बा ईंटगांव, बमरोली, तिल्छी, बिलासपुर, मानपुर, दियोरिया, करेली गांव गांव बंदरों के आतंक से लोग परेशान हैं। खाने की चीज बंदर ले जाये तो कोई बात नही कपड़े, जूते, चप्पल, से लेकर छतों पर लगीं डिश, एसी तक उत्पात से खराब कर देते हैं। सोलर पैनल तक कूदकर खराब कर देते हैं। छतों पर जाल चैनल लगाकर लोग रहने को मजबूर हैं। बन्दर खेतों में पहुंच जाते हैं तो फसल भी खराब करते हैं। बच्चों बड़ों को काटकर जख्मी कर देते हैं। तिल्छी गांव में भी बीस दिन पहले बंदरो के हमले में एक युवती की मौत हो गई थी। अब बमरोली में। लोग बन्दरों को पकड़वाने की मांग कर रहें हैं। यही नहीं अभी दो दिन पूर्व बंदर के हमले में पूरनपुर में भी एक मौत हो गई थी।
बीसलपुर रेंजर सामाजिकी वानिकी रेंजर रोहित जोशी ने बताया, बंदरों के संरक्षण का कार्य नगर निकाय व ग्रापं का है। शासन से इसका आदेश काफी पहले हो चुका है। कुछ जगह बंदरों को पकड़वाया भी गया है। बंदर हर तरफ हैं।