यूपी में बाल विवाह और बाल श्रम के खिलाफ ‘आपरेशन मुक्ति’ चलेगा। मिशन शक्ति के पांचवे चरण में कई आयोजन होंगे। अंतराष्ट्रीय बालिका दिवस, बाल कार्निवाल, वीरांगना दिवस भी मनाया जाएगा।
महिलाओं की सुरक्षा, सम्मन और स्वावलम्बन के लिए योगी सरकार मिशन शक्ति के पांचवें चरण को शुरू करने जा रही है। इसके तहत ही इस बार बाल विवाह, बाल श्रम के खिलाफ ‘आपरेशन शक्ति’ शुरू होगा जो 21 से 31 अक्तूबर तक चलेगा। साथ ही अंतराष्ट्रीय बालिका दिवस, बाल कार्निवाल, वीरांगना दिवस भी मनाया जाएगा। स्वावलम्बन कैंप भी लगेगा। इन कार्यक्रमों के जरिए यूपी में चल रही विभिन्न योजनाओं और सेवाओं के बारे में महिलाओं को जागरुक किया जाएगा।
11 अक्तूबर तक चलेगा अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस समारोह
मिशन शक्ति के इस चरण में महिला एवं बाल विकास विभाग 11 अक्तूबर तक अंतराष्ट्रीय बालिका दिवस समारोह बनाएगा। इसमें लैंगिक समानता पर सेमिनार के साथ ही सफल महिलाओं के साथ टॉक शो होगा। महिला को एक दिन की सांकेतिक जिलाधिकारी बनाया जाएगा। कन्या जन्मोत्सव, बाल विवाह, संवाद, घरेलू हिंसा व कार्यस्थल पर महिलाओं के साथ लैंगिक उत्पीड़न जैसे विषयों पर जागरूकता का संदेश दिया जाएगा।
‘बाल कार्निवाल’ में बच्चे दिखाएंगे अपना हुनर
10 से 14 नवंबर के बीच बाल कार्निवाल का आयोजन किया जाएगा। इसमें योग व मेडिटेशन कराया जाएगा। साथ ही बच्चों द्वारा महापुरुषों के जीवन पर आधारित नाटक एवं ड्रामा का प्रदर्शन भी किया जाएगा। खेलकूद, नृत्य गायन और पेंटिंग प्रतियोगिता कराई जाएगी। 14 नवंबर को बाल दिवस के उपलक्ष्य में कार्निवाल समापन समारोह में बच्चों के लिए कई आयोजन होंगे। इस मौके पर बच्चों को पुरस्कृत भी किया जाएगा।
19 नवंबर से मनेगा ‘वीरांगना दिवस’
19 नवंबर से प्रदेश के सभी जिलों में वीरांगना दिवस मनाया जाएगा। समाज में बदलाव के लिए प्रयासरत महिलाओं की प्रेरक कहानियों को जिला स्तर पर सभी तक पहुंचाया जाएगा। ऐसी वीरांगनाओं को सम्मानित भी किया जाएगा। 20 नवंबर को अंतर्राष्ट्रीय बाल अधिकार दिवस पर कार्यक्रम होंगे। इसमें बाल अधिकारों के प्रति जागरूकता कार्यक्रम होंगे।
30 नवम्बर से चलेगा ‘स्वावलंबन कैंप’
30 नवंबर से स्वावलंबन कैंप की शुरुआत होगी। इसमें केंद्र व प्रदेश सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं (मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला, मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना, निराश्रित महिला पेंशन, स्पॉन्सरशिप योजना) के बारे में बताया जाएगा। चार दिसंबर को सभी जिलों में कार्यस्थल पर महिलाओं के साथ लैंगिक उत्पीड़न अधिनियम 2013 के तहत गठित स्थानीय व आंतरिक परिवाद समितियों को प्रशिक्षित किया जाएगा।
हक की बात जिलाधिकारी के साथ
यौन हिंसा, लैंगिक असमानता, घरेलू हिंसा, कन्या भ्रूण हत्या, कार्यस्थर पर लैंगिक उत्पीड़न तथा दहेजा हिंसा आदि की पीड़ित महिलाओं के संरक्षण, सुरक्षा तंत्र, सुझावों तथा सहायता के लिए जिलाधिकारी के साथ दो घंटे का संवाद कार्यक्रम भी होगा। 10 दिसंबर को हर ग्राम पंचायत स्तर पर महिला एवं बाल सभाओं का आयोजन होगा। 16 दिसंबर को सभी वन स्टॉप केंद्रों पर जन प्रतिनिधियों के साथ विभागीय योजनाओं पर चर्चा की जाएगी। इसके साथ ही अपने हक को जानने और आकस्मिक सेवाओं के प्रति भी जागरुककियाजाएगा।