कल्पना कीजिए, आप पढ़ाई के लिए विदेश जा रहे हैं. एयरपोर्ट काउंटर पर पासपोर्ट के बजाय उसका एनएफटी (Passport NFT) दिखाते हैं, जिसमें आपकी सारी डिटेल्स हैं. विदेशी यूनिवर्सिटी में भी एनएफटी में कनवर्ट किया हुआ एजुकेशनल सर्टिफिकेट (Educational Certificate NFT) दिखाते हैं यानी न पासपोर्ट और डिग्री साथ रखने का झंझट, न उनके खोने का डर. हर एनएफटी (Non-Fungible Token – NFT) अपने आप में अलग होती है. इसलिए किसी और से बदल जाने का डर भी नहीं. आने वाले दिनों में एनएफटी का कुछ ऐसा इस्तेमाल, बल्कि इससे भी ज्यादा संभव है.
मनोरंजन जगत में बढ़ेगा इस्तेमाल
ऑनलाइन गेम्स (Online Games) में एनएफटी का इस्तेमाल बढ़ रहा है. आने वाले दिनों में मनोरंजन जगत (Entertainment World) में बड़े पैमाने पर एनएफटी का प्रयोग होने वाला है. यह सबसे पहले स्ट्रीमिंग और सब्सक्रिप्शन में दिख सकता है. पारंपरिक तरीके से फिल्में बनाने और डिस्ट्रीब्यूशन में काफी खर्च आता है. नए निर्माताओं के लिए यह एक समस्या है, जिसे एनएफटी दूर कर सकता है. निर्माता अपने प्रोजेक्ट को एनएफटी के जरिये बेचकर फंड जुटा सकता है और फिल्म बनने के बाद टोकन के रूप में दर्शकों को बेच सकता है. हॉलीवुड में कुछ एनिमेशन फिल्मों में यह प्रयोग हुआ है. हॉलीवुड अभिनेत्री लिंड्से लोहान ने मार्च 2021 में अपना एनएफटी लांच करते समय कहा था, ‘संभव है कि हम फिल्में टोकन के रूप में देखें, कलाकारों को भुगतान भी एनएफटी में हो.’
सीधे खरीदारों को बेच सकेंगे पेंटिंग्स
चित्रकार को अपनी पेंटिंग्स बेचने के लिए किसी गैलरी या ऑक्शन हाउस पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा. वह सीधे खरीदारों को एनएफटी के रूप में अपनी पेंटिंग्स बेच सकता है. खरीदने वाला अगर किसी तीसरे व्यक्ति को बेचे तो चित्रकार को उस पर रॉयल्टी भी मिलती है यानी भविष्य में उस प्लेटफॉर्म पर जितनी बार पेंटिंग बिकेगी, उतनी बार उसे रॉयल्टी मिलेगी. आर्टवर्क की पारंपरिक बिक्री में ऐसा नहीं होता.
भविष्य में कीमत घटने का जोखिम
एनएफटी के ये फायदे हैं तो जोखिम भी कम नहीं. ज्यादातर एनएफटी इन्वेस्टमेंट के तौर पर खरीदी जा रही हैं, इस उम्मीद में कि भविष्य में उनकी कीमत बढ़ेगी. शेयर की तरह. किसी भी एनएफटी की कीमत उसकी डिजिटल किल्लत के कारण होती है. भविष्य में मांग रही तभी उसकी कीमत बढ़ेगी. अगर किसी एनएफटी की डिमांड नहीं रही तो शेयर की तरह उसकी कीमत भी घट सकती है.
एनएफटी के पक्ष में यह दलील दी जाती है कि किसी महंगे आर्टवर्क या रियल एस्टेट प्रॉपर्टी को टुकड़ों में बांटकर बेचा जा सकता है. यानी किसी पेंटिंग का कोई एक खरीदार नहीं होगा, बल्कि कई खरीदार होंगे और हर एक के पास उस पेंटिंग का एक हिस्सा होगा. सवाल है कि पेंटिंग का एक टुकड़ा लेकर कोई क्या करेगा. क्या उसे अपने पास पेंटिंग होने का एहसास होगा?
स्मार्ट कांट्रैक्ट हैक होने का डर
एनएफटी ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर आधारित होती है. ब्लॉकचेन में सूचनाएं किसी एक जगह एकत्र नहीं रहतीं, बल्कि वे एक चेन के रूप में अनेक जगहों पर होती हैं. इसलिए उनसे छेड़छाड़ करना मुश्किल होता है. इस लिहाज से एनएफटी को सुरक्षित बताया जाता है. लेकिन इसी ब्लॉकचेन पर आधारित क्रिप्टो करेंसी की हैकिंग की अनेक घटनाएं हो चुकी हैं. एक्सचेंज या एकाउंट हैक करके वहां से करेंसी निकाल ली जाती है. जब क्रिप्टो करेंसी की हैकिंग संभव है तो एनएफटी की क्यों नहीं.
ऐसा भी देखने को मिला है कि अगर किसी आर्टिस्ट ने एनएफटी क्रिएट करके अपने वॉलेट में रखा है, तो ब्लॉकचेन पर उसे किसी अन्य के द्वारा क्रिएट किया हुआ दिखता है. बहुत कम प्लेटफॉर्म हैं जो किसी ऐसेट को बिक्री की अनुमति देने से पहले उसे वेरीफाई करते हैं. हैकर एम. परसोनी इसकी खामियों को उजागर कर चुके हैं. उन्होंने अप्रैल 2021 में बीपल के ‘एवरीडेज’ की फाइल नीलमी करने वाली वेबसाइट क्रिस्टीज की वेबसाइट से डाउनलोड की, बीपल के वॉलेट से उसकी मिंटिंग की और एक एनएफटी प्लेटफॉर्म पर बेचने के लिए उसे लिस्ट कर दिया.
प्लेटफॉर्म बंद हुआ तो गई आपकी एनएफटी
जिस प्लेटफॉर्म के वॉलेट में आपने एनएफटी खरीदकर रखी है, अगर वह प्लेटफॉर्म बंद हो जाए तो? संभव है कि आपके सारे टोकन बेकार हो जाएं और कभी मिलें ही नहीं. एनएफटी को कहीं न कहीं स्टोर करना पड़ता है. आमतौर पर अमेज़न जैसे सेंट्रलाइज्ड क्लाउड सर्वर पर इन्हें स्टोर किया जाता है. अगर उस सर्वर को हैक कर लिया गया तो आपकी एनएफटी की चोरी भी हो सकती है.
आर्टवर्क नहीं, बल्कि उसका लिंक मिलता है
विशेषज्ञों का मानना है कि एनएफटी में इस्तेमाल की गई टेक्नोलॉजी में खामियां हैं. एक बड़ा मुद्दा डिजिटल आर्टवर्क को स्टोर करने का है. एनएफटी के दो हिस्से होते हैं- पहला स्मार्ट कांट्रैक्ट और दूसरा डिजिटल आर्टवर्क. कांट्रैक्ट तो ब्लॉकचेन पर स्टोर होता है, लेकिन आर्टवर्क को ब्लॉकचेन पर स्टोर करना खर्चीला होने के कारण कांट्रैक्ट में सिर्फ आर्टवर्क का लिंक या यूआरएल दिया जाता है. दूसरे शब्दों में कहें तो एनएफटी महज एक रसीद है. सिर्फ यूआरएल के जरिए किसी आर्टवर्क को एक्सेस करने में जोखिम हो सकता है.
हर प्लेटफॉर्म अलग, इससे धोखाधड़ी की गुंजाइश
एनएफटी की नीलामी में छोटे निवेशकों को कम ही मौका मिल पाता है. ब्लॉकचेन डाटा कंपनी चेनालिसिस ने पिछले दिनों एक रिपोर्ट में बताया कि अत्याधुनिक उपकरणों वाले बड़े निवेशक एनएफटी कलेक्शन का बड़ा मुनाफा ले जाते हैं. किसी मशहूर आर्टवर्क की एनएफटी खरीदने के लिए हजारों लोग बोली लगाते हैं. बड़े निवेशक बॉट (रोबोट) का इस्तेमाल करते हैं ताकि कुछ न कुछ टोकन उन्हें मिल जाए. इससे नए निवेशकों के लिए टोकन खरीद पाना मुश्किल हो जाता है.
एनएफटी के बारे में कोई एक पैमाना अभी तक नहीं बन पाया है. हर प्लेटफॉर्म अपने तरीके से काम करता है जिससे धोखाधड़ी की गुंजाइश बढ़ जाती है. इसलिए बहुत कुछ अनिश्चित है. अभी इस पर नियंत्रण का कोई कानूनी ढांचा भी नहीं है. कुछ लोग इसलिए इसके खिलाफ हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि जो चीज अपने पास रखी नहीं जा सकती, उसके लिए लाखों-करोड़ों रुपये लगाना बेवकूफी है. आप एनएफटी के रूप में कोई आयल पेंटिंग खरीद तो सकते हैं, लेकिन उसे अपने ड्राइंग रूम की दीवार पर टांग नहीं सकते.
सुनील सिंहवरिष्ठ पत्रकार
लेखक का 30 वर्षों का पत्रकारिता का अनुभव है. दैनिक भास्कर, अमर उजाला, दैनिक जागरण जैसे संस्थानों से जुड़े रहे हैं. बिजनेस और राजनीतिक विषयों पर लिखते हैं.