पूरे प्रदेश में लगभग 1.5 लाख स्मार्ट प्रीपेड मीटर लग जाने के बाद प्रदेश की बिजली कंपनियों ने शुक्रवार को स्मार्ट मीटर लगाने वाली कंपनियों को उपभोक्ताओं के पुराने मीटरों से स्मार्ट मीटर रीडिंग का मिलान करने के निर्देश दिए हैं। बिजली कंपनियों ने यह निर्देश उपभोक्ता परिषद द्वारा मांग उठाए जाने के बाद दिए हैं।
उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने 30 सितंबर को बड़ा खुलासा करते हुए आरोप लगाए थे कि बिजली कंपनियां केंद्र सरकार द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों का उल्लंघन कर रही हैं। दरअसल, सभी बिजली कंपनियों को भारत सरकार ऊर्जा मंत्रालय ने निर्देश दिए थे कि उपभोक्ता के परिसर पर लगे साधारण मीटर को 5 प्रतिशत की सीमा तक अनिवार्य रूप से चेक मीटर में परिवर्तित किया जाए। स्मार्ट मीटर लगाने के दौरान पुराने मीटर से स्मार्ट मीटर का मिलान किया जाए, ताकि स्मार्ट मीटर की स्पीड आदि की जांच हो सके कि वे ठीक से चल रहे हैं या नहीं।
अब सभी बिजली कंपनियों ने स्मार्ट प्रीपेड मीटर निर्माता कंपनियां जिन्हें आर्डर मिला है, उनके लिए निर्देश जारी कर दिया है कि वह चेक मीटर लगाएं और वह भी फ्री ऑफ कॉस्ट। साथ ही इसकी सूचना प्रत्येक माह भारत सरकार को भेजनी होगी, जिसका प्रोफार्मा भी बिजली कंपनियों की तरफ से अधिशासी अभियंता परीक्षण व टेस्ट को भेजा दिया गया है।
उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने शुक्रवार को एक बार फिर इस गंभीर मुद्दे पर पावर कारपोरेशन के निदेशक कमर्शियल निधि नारंग, मध्यांचल पूर्वांचल पश्चिमांचल के निदेशक कमर्शियल, निदेशक तकनीकी से अलग-अलग बात कर इसकी सतत मॉनिटरिंग करने का अनुरोध किया है। इसकी मॉनीटरिंग करने से ही मीटर निर्माता कंपनियां सही तरीके से काम करेंगीं।
उपभोक्ता परिषद ने सभी विद्युत उपभोक्ताओं से अपील की है कि उनके परिसर पर जहां भी पुराने मीटर चेक मीटर घोषित किया जाए, उसकी रीडिंग व स्मार्ट प्रीपेड मीटर में आने वाली रीडिंग नोट कर लें। यदि मिलन में कोई अंतर हो तो तुरंत आवाज उठाएं और उपभोक्ता परिषद को भी सूचित करें।