नई दिल्ली. देश भर में पंचांग तिथि के अनुसार शनिवार और रविवार को दो दिन धनतेरस का त्यौहार मनाया गया जिसमें एक अनुमान के मुताबिक लगभग 45 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का व्यापार हुआ जबकि ज्वेलरी व्यापार दो दिनों में लगभग 25 हजार करोड़ के आस पास हुआ. बाकी लगभग 20 हजार करोड़ का व्यापार ऑटोमोबाइल, कम्यूटर एवं कंप्यूटर से संबंधित सामान, फर्नीचर, घर एवं कार्यालयों की साज सज्जा के लिए जरूरी सामान, मिठाई एवं नमकीन, किचन का सामान, सभी प्रकार के बर्तन, इलेक्ट्रॉनिक्स, मोबाइल वस्तुओं में हुआ. धनतेरस के दिन संसाधनों की खरीद की जाती है और इसी दृष्टि से देश भर में व्यापारी वर्ग दीपावली की पूजा और कारोबार के लिए जरूरी संसाधनों की खरीद बड़े पैमाने पर करते हैं.
कन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया और राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने बताया कि दो दिन देश भर के बाज़ारों में ग्राहकों की उमड़ी भीड़ और भारतीय सामान खरीदने की उत्सुकता का आंकलन इस बात की पुष्टि करता है कि दो वर्ष कोरोना के कारण बाजार से दूर रहने वाले ग्राहक अब फिर वापस बाजार में पूरे जोर शोर से आ गए हैं और इसी लिए कैट का यह अनुमान है कि इस वर्ष दिवाली त्यौहार की बिक्री का आंकड़ा 1 लाख 50 हजार करोड़ के पार होगा और विशेष रूप से देश भर के बाजारों में भारतीय सामान को ही खरीदने की प्रमुखता दी जा रही है. जिसके कारण चीन को इस वर्ष दिवाली से संबंधित सामान का 75 हजार करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान होगा.
कैट के सहयोगी संगठन आल इंडिया ज्वेलर्स एवं गोल्डस्मिथ फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंकज अरोड़ा ने बताया कि भारतीय स्वर्ण उद्योग कोरोना संकट से पूरी तरह उबर चुका है और भारत में सोने की मांग अपने उच्चतम स्तर पर आ गई है. आर्थिक गतिविधियों में जोरदार उछाल और उपभोक्ता मांग में सुधार के बाद जुलाई-सितंबर तिमाही में भारत की सोने की मांग में सालाना आधार पर घरेलू बाजार में 80 फीसदी तक की बढ़ोतरी हुई है. अरोड़ा ने कहा कि 2021 के मुकाबले 2022 में भारत में स्वर्ण आयात लगभग 11.72 फीसदी की कमी आयी है. पिछले वर्ष जहां भारत में पहली छमाही में 346.38 टन सोना आयात किया गया जो अबकी 308.78 टन रह गया जिसकी भरपाई कोरोना काल से उत्पन्न संकट के रिजर्व स्टॉक से की गई.
वहीं देश भर में बड़ी मात्रा में लोगो ने पुराने गहने देकर नए गहने, जिन्हे रीसायकल होल्ड भी कहा जाता है, बनवाये हैं और पिछले दो वर्षों के स्टॉक की भी बिक्री बड़ी मात्रा में हुई है. उन्होंने बताया कि दो दिन के धनतेरस त्यौहार के चलते देश भर में लगभग 25 हजार करोड़ रुपये के सोने चांदी और डायमंड जिसमे गहनों के साथ ही सोने-चांदी के सिक्के, नोट, मूर्तियां और बर्तन की बड़ी बिक्री हुई है.
भरतिया और खंडेलवाल ने कहा कि एक अनुमान के अनुसार ज्वेलरी के अलावा दो दिनों में ऑटोमोबाइल सेक्टर में लगभग 6 हजार करोड़, फर्नीचर में लगभग 1500 करोड़, कंप्यूटर एवं कंप्यूटर से संबंधित सामानों में लगभग 2500 करोड़, एफएमसीजी में लगभग 3 हजार करोड़, इलेक्ट्रॉनिक्स सामान में लगभग 1 हजार करोड़, स्टेनलेस स्टील, एल्युमीनियम एवं पीतल के बर्तनों में लगभग 500 करोड़, किचन के उपकरण एवं किचन के अन्य सामन में लगभग 700 करोड़, टेक्सटाइल, रेडीमेड गारमेंट एवं फैशन के कपडे में लगभग 1500 करोड़ का व्यापार हुआ है जबकि दिवाली पूजा का सामान, घर एवं ऑफिस की साज सज्जा, बिजली एवं बिजली के उपकरण, स्टेशनरी, बिल्डर हार्डवेयर, लकड़ी एवं प्लाईवुड आदि में भी काफी बड़ा व्यापार हुआ है.
24 अक्टूबर को देश भर में दिवाली मनाई जायेगी वहीं 25 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण होने के कारण 26 अक्टूबर को श्री गोवर्धन पूजा एवं अन्नकूट महोत्सव, 27 अक्टूबर को भैया दूज और उसके बाद छठ पूजा तथा 5 नवम्बर को तुलसी विवाह के साथ दिवाली त्यौहार का सीजन संपन्न होगा और देश भर के व्यापारियों को बड़ी उम्मीद है की अभी दिवाली त्यौहार के बचे हुए दिनों में भी बिक्री में बेहद वृद्धि होगी.
FIRST PUBLISHED : October 23, 2022, 19:26 IST