Railway Hospital News: गोरखपुर के ललित नारायण मिश्र केंद्रीय रेलवे चिकित्सालय समेत 10 रेलवे अस्पताल मेडिकल कॉलेज बनाए जाने की कवायद शुरू हो गई है। एनईआर समेत नौ जोन के 10 बड़े रेल अस्पतालों को चयनित कर रेलवे बोर्ड ने कमेटी गठित कर दी है। कमेटी तीन महीने में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। फिलहाल बोर्ड ने एनईआर समेत सभी 10 बड़े अस्पतालों से उनके यहां वर्तमान संसाधनों की विस्तार से रिपोर्ट मांगी है।
रेलवे बोर्ड के अंडर सेक्रेटरी विजय कुमार ने दो दिन पहले पत्र जारी कर सीएमडी नार्दर्न के नेतृत्व में पीसीएमडी, एनआरसीए और ईडी हेल्ड की कमेटी बना दी है। कमेटी सभी पहलुओं पर रिपोर्ट तैयार कर अस्पतालों को मेडिकल कॉलेज में बदलने के लिए नेशनल मेडिकल काउंसिल (एनएमसी) में आवेदन करेगी। दरअसल, रेल मंत्रालय ने भारतीय रेलवे स्तर पर चिकित्सा शिक्षा को भी बढ़ावा देने की योजना तैयार की है। ताकि, बदहाल हो रहे केंद्रीय रेलवे अस्पतालों की चिकित्सा व्यवस्था को बेहतर बनाया जा सके। जानकारों के अनुसार चिकित्सा की पढ़ाई शुरू होने से रेलवे के अस्पतालों में इलाज की व्यवस्था और बेहतर व मजबूत होगी। पर्याप्त सुविधा और संसाधन के बाद भी अस्पताल रेफरल बनते जा रहे हैं। लाख प्रयास के बाद भी रेलवे को चिकित्सक भी नहीं मिल रहे।
रोजाना 800 से अधिक की ओपीडी
ललित नारायण मिश्र केंद्रीय रेलवे अस्पताल की ओपीडी में रोजाना 800 से अधिक मरीज पहुंचते हैं। इसके साथ ही रोजाना 30 से 35 मरीज इनडोर में भी आते हैं। इसमें से गंभीर मरीजों को रेफर कर दिया जाता है जबकि अन्य का इलाज यहीं होता है।
एक नजर में गोरखपुर रेलवे अस्पताल
1930 में स्थापित हुआ ललित नारायण मिश्र रेलवे अस्पताल
साढ़े तीन एकड़ में फैला है अस्पताल, 366 बेड की सुविधा
आइसीसीयू, सर्जिकल आइसीयू और इमरजेंसी, डायलिसिस की सुविधा
ओपीडी, रेडियोलाजी, फिजियोथिरेपी, आर्थोपैडिक की सुविधा
दस विशेषज्ञ समेत कुल 36 चिकित्सक और 501 पैरामेडिकल स्टाफ
इन जोन के अस्पताल चयनित
पूर्वोत्तर रेलवे
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे
नार्दर्न रेलवे
पूर्व मध्य रेलवे
मध्य रेलवे
सर्दर्न रेलवे
पश्चिम रेलवे
दक्षिण मध्य रेलवे
उत्तर मध्य रेलवे