नई दिल्ली: हमास चीफ इस्माइल हानिया की हत्या और हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह के कत्ल से ईरान खार खाए बैठा है. इंतकाम की आग में धधक रहा है. वह इजरायल से बदला लेने को बेताब है. ईरान ने बदला वाले प्लान पर काम करना भी शुरू कर दिया है. खुद इजरायल ने कबूल किया है कि ईरान अब इजरायल में कत्लेआम कर बदला के मूड में आ चुका है. इजरायली सुरक्षा एजेंसी शिन बेत (शिन बेट) ने सोमवार को चेतावनी दी है कि ईरान अब इजरायल में हत्याओं को अंजाम देने की लगतार कोशिशें कर रहा है. सुरक्षा एजेंसी की मानें तो कुछ मामलों में तो ईरानी साजिश बेहद आखिरी स्टेज में नाकाम की गई. हालांकि, ईरान ने किसे टारगेट किया और कैसे इजरायल ने उसे नाकाम किया, इसकी डिटेल सामने नहीं आई है.
इजरायली सुरक्षा एजेंसी शिन बेत के मुताबिक, हाल के दिनों में इजरायल में अपने टारगेट को मारने के लिए ईरान की कोशिशों में काफी तेजी देखी है. ईरान, इजरायल के टॉप अफसरों को मारने और उन्हें नुकसान पहुंचाने के लिए इजरायली नागरिकों को अपने मिशन के लिए भर्ती करने का प्रयास कर रहा है. इस बाबत एजेंसी ने एक इजरायली शख्स को गिरफ्तार भी किया गया है. अशकेलॉन में 73 वर्षीय इजरायली व्यक्ति मोती मामन को दो बार ईरान ले जाया गया. ईरान ने उसे प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू, रक्षा मंत्री और शिन बेत चीफ की हत्या में मदद करने का काम सौंपा था.
क्या था ईरान का प्लान
टाइम्स ऑफ इडरायल की खबर के मुताबिक, इजरायल की सुरक्षा एजेंसी ने कहा कि ईरान ने इजरायली नागरिकों की ऑनलाइन भर्ती करने की भी कोशिश की है. शिन बेत ने कहा कि ईरानी गुर्गें सोशल मीडिया पर इजरायली लोगों का पता लगाते हैं, जिनमें क्रिप्टोकरेंसी, फाइनेंस और नौकरी खोजने से संबंधित चैनल शामिल हैं. शिन बेत के अनुसार, ईरानी गुर्गे लोगों को इजरायल के विभिन्न क्षेत्रों में पैसे या फोन रखने, पर्चे बांटने, दीवारों पर लिखने और यहां तक कि कारों में आग लगाने और लोगों को शारीरिक रूप से नुकसान पहुंचाने सहित विभिन्न कार्यों को अंजाम देने के लिए मोटी सैलरी देने का ऑफर देते हैं.
खुल गई ईरानी साजिशों की पोल
इजरायली सुरक्षा एजेंसी शिन बेत ने हाल के महीनों में कई कथित ईरानी साजिशों की घोषणा की है. मसलन ईरान ने तेहरान के लिए काम करने के लिए इजरायलियों को ऑनलाइन बरगलाने की कोशिश की. इसमें जनवरी में उजागर हुई एक योजना भी शामिल है, जिसमें इजरायलियों को हाई-प्रोफाइल हस्तियों के बारे में खुफिया जानकारी इकट्ठा करने के लिए कथित तौर पर भर्ती किया गया था. इस महीने की शुरुआत में यह भी घोषणा की गई थी कि लेबनान में ईरान के आतंकी गुट हिजबुल्लाह ने पिछले साल सितंबर में तेल अवीव के यारकोन पार्क में एक बम हमले में पूर्व रक्षा मंत्री और आईडीएफ प्रमुख मोशे यालोन की हत्या करने की कोशिश की थी. इस हमले में कोई हताहत नहीं हुआ था.
ईरान के पीछे क्यों पड़ा इजरायल
ईरानी और हिजबुल्लाह की साजिशों की जानकारी आतंकी समूह पर हमलों से ठीक समय पहले ही इजरायल को मिली थी. इजरायल ने अपने दुश्मनों और ईरानी ऑपरेटर्स को पेजर अटैक में खल्लास कर दिया. इजरायल ने लेबनान में ऐसी तबाही मचाई कि पूरा मिडिल ईस्ट धुआं-धुआं हो हो गया. पेजर अटैक के बाद इजरायल ने लेबनानी शहर बेरूत में हवाई हमले किए. इस एयर स्ट्राइक में इजरायल ने हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह को मार गिराया. इसके बाद ईरान बदले की आग में जल रहा है. इस बात को इजरायल भी अच्छे से समझता है. यही वजह है कि इजरायली सुरक्षा एओजेंसी ने अपने नागरिकों को आगाह रहने का अलर्ट जारी किया है. इजरायली लोगों से किसी तरह का शक होने पर अधिक ध्यान देने और सावधानी बरतने को कहा गया है. इसकी सूचना तुरंत देने की भी अपील की गई है.
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FIRST PUBLISHED : October 1, 2024, 07:26 IST