राजधानी लखनऊ में इमामबाड़ा पर हजारों मुसलमानों ने इजरायल और नेतन्याहू के खिलाफ प्रदर्शन किया है। शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जवाद ने हसन नसरल्लाह की मौत पर तीन दिन का मातम घोषित किया है। छोटे इमामबाड़े पर शाम पांच बजे से ही लोग जुटने लगे थे। शाम ढलने के साथ ही सैकड़ों की संख्या में लोग पहुंच चुके थे।
लेबनान में हिजबुल्ला संगठन के प्रमुख सैयद हसन नसरल्लाह की हत्या के विरोध में रविवार को हुसैनाबाद फूड स्ट्रीट बंद रही। दुकानों और घरों पर काले झण्डे लगाए गए। छोटे इमामबाड़े से लेकर बड़े इमामबाड़े तक उमड़े लोगों ने इजरायल और अमेरिका विरोधी नारे लगाए। हजारों पुरुष-महिला, बच्चों ने मोमबत्ती और मोबाइल टार्च की रोशनी में जुलूस निकाला। देर शाम छोटे इमामबाड़े से निकला जुलूस कुछ दूर आगे जाते ही सतखण्डा के पास पुलिस ने रोक दिया लेकिन लोग रुके नहीं और बड़े इमामबाड़े पहुंचकर ही समाप्त किया। शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जवाद ने हसन नसरल्लाह की मौत पर तीन दिन का मातम घोषित किया है। उन्होंने कहा कि एक नसरल्लाह शहीद हुए हैं कई नसरल्लाह पैदा होंगे।
छोटे इमामबाड़े पर शाम पांच बजे से ही लोग जुटने लगे थे। शाम ढलने के साथ ही सैकड़ों की संख्या में लोग पहुंच चुके थे। जैसे ही छोटे इमामबाड़े से इजरायल-अमेरिका मुर्दाबाद और सैयद हसन नसरल्लाह अमर रहें के नारों के साथ मोमबत्ती और मोबाइल की टार्च लाइट के साथ जुलूस निकला तो आसपास के क्षेत्रों से अन्य लोग जुड़ते गए। शाम करीब छह से रात नौ बजे तक अजादारी रोड पर आवागमन पूरी तरह बंद हो गया। सड़क पर सिर्फ विरोध प्रदर्शन करने वाले लोग ही मौजूद थे। शिया उलेमाओं ने सैयद हसन नसरल्लाह की शहादत पर शोक व्यक्त करने के साथ ही इजरायल और अमेरिका के विरोध में नारे लगाए।
बड़े इमामबाड़े पर इजरायल का झण्डा, राष्ट्रपति नेतन्याहू की तस्वीर के साथ जमीन पर बिछा दिया। विरोध स्वरूप लोग इजरायली झण्डे को पैरों से कुचलकर उसके ऊपर से निकले। इसके साथ ही छोटे इमामबाड़े और पास ही स्थित शाही गेट पर हसन नसरल्लाह की तस्वीर लगाई, जिस पर सलाम और शहीद लिखा गया। पहले शांतिपूर्वक कैंडल मार्च करबला दियान्नुत दौला से निकलना था, जिसे स्थगित कर दिया गया।नसरल्लाह की शहादत पर शिया समाज की हज़ारों औरतों और बच्चों ने छोटे से बड़े इमामबाड़े तक रविवार को मोमबत्ती लेकर मातम करते हुए जुलूस निकाला।
नसरल्लाह नहीं, नेतन्याहू आतंकवादी : कल्बे जवाद
सैयद हसन नसरुल्लाह की शहादत के गम में शहर में जगह जगह मजलिसों का आयोजन किया गया और कुरान की तिलावत की गई। दरगाह हजरत अब्बास रुस्तमनगर में एक तजियाती जलसे व मजलिस का आयोजन किया गया। मजलिस को मौलाना कल्बे जवाद ने खिताब किया। मौलाना ने कहा कि शहीद से बड़ा कोई रुतबा नहीं होता है। शहादत वो असलाह है जिससे जालिम अपनी गर्दन काट लेता है। एक नसरल्लाह शहीद हुए हैं कई नसरल्लाह पैदा होंगे। उन्होंने कहा नसरल्लाह आतंकवादी नहीं नेतन्याहू आतंकवादी हैं। इस मौके पर तमाम उलमा सहित हजारों की संख्या में पुरुषों, महिलाएं और बच्चे शामिल थे। कार्यक्रम का संचालन आदिल फराज ने किया। मस्जिद राहते सुल्तान नूरबाड़ी में मजलिस को मौलाना सुहैल रिजवी ने खिताब किया। इस मौके पर कारी नासिर हुसैन,कारी मोहम्मद आसिफ, कारी ईसा अबरार, कारी फुरकान हुसैन,कारी हसनैन रिजवी,कारी सैम रजा,कारी मोहम्मद मेहदी,कारी रजा हुसैन, कारी नाजिम, तिलावते कुराने पाक की।