यूपी में मिशन शक्ति के तहत पांचवें चरण 10 लाख बालिकाओं को आत्मरक्षा और जीवन कौशल का प्रशिक्षण मिलेगा। तीन अक्तूबर से मई 2025 तक चलने वाले इस अभियान में पीएम श्री योजना के तहत चयनित 167 विद्यालयों में करियर काउंसलिंग के सत्र भी चलेंगे।
‘मिशन शक्ति’ के पांचवें चरण 10 लाख बालिकाओं को आत्मरक्षा और जीवन कौशल का प्रशिक्षण मिलेगा। तीन अक्तूबर से मई 2025 तक चलने वाले इस अभियान में पीएम श्री योजना के तहत चयनित 167 विद्यालयों में करियर काउंसलिंग के सत्र भी चलेंगे। 36,772 बालिकाओं में सेनेटरी पैड वितरित कर उनके स्वास्थ्य और विद्यालय पहुंच कर नियमित रूप से शिक्षा ग्रहण करने की राह आसान की जाएगी। इन कार्यक्रमों का मुख्य उद्देश्य बालिकाओं को आत्मरक्षा, जीवन कौशल और कानूनी अधिकारों के प्रति जागरूक करना है। साथ ही, बालिका शिक्षा और स्वच्छता जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी जागरूकता बढ़ाने के प्रयास किए जाएंगे।
नवरात्र पर बालिकाओं में शक्ति का भाव भरेगी सरकार
भारतीय संस्कृति में मां दुर्गा को शक्ति का प्रतीक माना जाता है। इसी भावना को ध्यान में रखते हुए, ‘मिशन शक्ति’ के पांचवें चरण के अंतर्गत नवरात्रि के दौरान, 3 से 10 अक्तूबर तक, विभिन्न विद्यालयों में कार्यक्रम आयोजित होंगे, जिनसे बालिकाओं में आत्मविश्वास बढ़ाने के प्रयास किए जाएंगे।
बाल अधिकार, घरेलू हिंसा, गुड-टच, बैड-टच से परिचित होंगी बेटियां
प्रधानाध्यापकों और शिक्षकों के नेतृत्व में 3 से 10 अक्तूबर तक विद्यालयों में बाल अधिकार, घरेलू हिंसा, यौन शोषण, छेड़छाड़ और गुड-टच, बैड-टच जैसे मुद्दों पर बच्चों को जागरूक किया जाएगा। इसके साथ ही रैलियों और रोचक गतिविधियों के माध्यम से हेल्पलाइन नंबर और बाल विवाह के खतरों की जानकारी भी दी जाएगी।
माहवारी स्वच्छता और जलवायु परिवर्तन पर जागरूकता
‘मिशन शक्ति’ के इस चरण में बालिकाओं को माहवारी स्वच्छता और जलवायु परिवर्तन के प्रति जागरूक किया जाएगा। केजीबीवी की 79,000 बालिकाओं के लिए जलवायु परिवर्तन पर विशेष सत्र आयोजित होंगे।
कानूनी अधिकारों से परिचित होंगे नौनिहाल
अप्रैल-मई 2025 के दौरान बच्चों को उनके कानूनी अधिकारों, जैसे शिक्षा का अधिकार, पॉक्सो एक्ट, बाल विवाह और घरेलू हिंसा से संबंधित कानूनों के बारे में जागरूक किया जाएगा।
नियमित संचालित होने वाली गतिविधियां
-बालिका शिक्षा के प्रति जागरूकता के लिए सेमिनार/वेबिनार
-बाल संसद और बाल सभा का आयोजन: बालक-बालिकाओं को समान जिम्मेदारियां दी जाएंगी।
-माहवारी स्वच्छता पर चर्चा: उच्च प्राथमिक विद्यालयों में नियमित रूप से माहवारी स्वच्छता पर चर्चा होगी।
-शिक्षक-अभिभावक संघ की बैठकें: विधिक साक्षरता, पॉक्सो एक्ट और बाल विवाह जैसे मुद्दों पर जागरूकता
-बालिका और महिला दिवस पर वाद-विवाद प्रतियोगिता, रैली, प्रभात फेरी और सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे।