यूपी में पूर्वांचल के विकास का खाका शिक्षाविद् खींचेंगे। नियोजन विभाग के अनुरोध पर पूर्वांचल विश्वविद्यालय ने रिपोर्ट तैयार कराई है। एक अक्टूबर को होने वाली पूर्वांचल विकास बोर्ड की बैठक में इसपर विचार होगा।
पूर्वांचल विकास बोर्ड शिक्षाविदों के सहयोग से विकास का खाका तैयार करने जा रहा है। आगामी एक अक्तूबर को गोण्डा के जिला पंचायत सभागार में होने वाली बोर्ड की बैठक में शिक्षाविदों की अलग-अलग विषयों पर तैयार चार अध्ययन रिपोर्ट्स पर विचार-विमर्श किया जाएगा। यह बैठक बोर्ड के उपाध्यक्ष नरेन्द्र सिंह की अध्यक्षता में होगी। सुझाव के तौर पर पेश की जाने वाली इन रिपोर्ट्स में कृषि में नई तकनीकों के इस्तेमाल, कृषि में आय बढ़ाने और गांव स्तर पर भंडारण सुविधा बढ़ाने के उपायों का जिक्र होगा।
नियोजन विभाग के विशेष सचिव पुलकित खरे के पत्र पर वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने चार अध्ययन रिपोर्ट तैयार करने की जिम्मेदारी सात प्रोफेसरों को सौंपी थी। अब नियोजन विभाग ने चारों रिपोर्ट्स की प्रतियां मांगी हैं। साथ ही संबंधित शिक्षाविदों से अपनी रिपोर्ट के साथ बैठक में प्रतिभाग करने को कहा है।
पूर्वांचल में जल की बहुलता के परिप्रेक्ष्य में मत्स्य पालन की संभावनाओं का पूर्ण उपयोग करने के संबंधित अध्ययन रिपोर्ट की जिम्मेदारी तिलकधारी महाविद्यालय जौनपुर के शस्य विज्ञान विभाग के अध्यक्ष प्रो. श्रीश कुमार सिंह को सौंपी गई थी। पूर्वांचल में खेती को पशुपालन, मुर्गी पालन तथा डेयरी से जोड़कर किसानों की आय में वृद्धि के उपाय सुझाने की जिम्मेदारी तिलकधारी महाविद्यालय जौनपुर के पशुपालन विभाग के अध्यक्ष डॉ. राजेश कुमार पाल और अर्थशास्त्र विभाग के अवकाश प्राप्त विभागाध्यक्ष प्रो. आरएन ओझा को सौंपी गई थी।
इसी तरह पूर्वांचल के किसानों को नई तकनीकी के प्रयोग के लिए प्रोत्साहित करने के लिए उपाय सुझाने के लिए तिलकधारी महाविद्यालय जौनपुर के कृषि प्रसार विभाग के अध्यक्ष प्रो. एनके मिश्रा व पीजी कॉलेज गाजीपुर के कृषि रसायन विभाग के प्रो. अवधेश कुमार सिंह को तथा पूर्वांचल में गांव स्तर पर गोदामों की उपलब्धता कराने के संबंधित उपाय सुझाने के लिए अवकाश प्राप्त शिक्षक डॉ. जगदीश सिंह तथा तिलकधारी महाविद्यालय जौनपुर के प्रो. एनके मिश्राकोसौंपीगईथी।