Neeraj Chopra: पेरिस ओलंपिक खत्म हुए लगभग एक हफ्ता हो गया है, लेकिन वहां देश के लिए पदक जीतने वाले खिलाड़ियों के किस्से खत्म होने का नाम नहीं ले रहे. जेवलिन थ्रो में भारत को सिल्वर मेडल दिलाने वाले नीरज चोपड़ा को छोड़कर पेरिस से सभी खिलाड़ी घर आ गए हैं. अपनी इवेंट के दौरान नीरज इंजर्ड थे. इसलिए वह रिहैब के लिए पेरिस से ही जर्मनी चले गए. लेकिन पेरिस में नीरज को पछाड़कर गोल्ड मेडल जीतने वाले अरशद नदीम को उनके देश पाकिस्तान में हाथोंहाथ लिया जा रहा है. उन पर वहां इनामों की बारिश हो रही है.
फाइनल में अरशद ने दी नीरज को मात
जब अरशद नदीम ने 92.97 मीटर तक भाला फेंककर अपने देश को लंबे समय बाद पदक तालिका में स्थान दिलाया तो लोगों को उनके बारे में जानने की लालसा पैदा हुई. जब उनकी जाति की बात आई तो ये पता चला कि वह पाकिस्तान की सुखेड़ा राजपूत कम्युनिटी से ताल्लुक रखते हैं. यानी अरशद नदीम मुसलमान तो हैं, लेकिन उनका परिवार खुद को गर्व से राजपूत भी कहता है. अरशद नदीम पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के मियां चुन्नू के रहने वाले हैं और उनकी सुखेड़ा कम्युनिटी को सुखेरा भी कहा जाता है.
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कई समुदायों ने किया नीरज पर अपना दावा
ये तो हुई अरशद नदीम की बात. लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत के लिए लगातार दो ओलंपिक में पदक जीतने वाले नीरज चोपड़ा किस कम्युनिटी से ताल्लुक रखते हैं. टोक्यो ओलंपिक में जब नीरज चोपड़ा ने भारत के लिए गोल्ड मेडल का 13 साल का सूखा खत्म किया तो देश भर में उनकी जाति को लेकर बहस छिड़ गई थी. उस समय नीरज चोपड़ा की जाति को लेकर इंटरनेट पर सबसे ज्यादा सर्च किया गया. पंजाब से लेकर महाराष्ट्र के लोग नीरज चोपड़ा को अपने राज्य का बताने लगे. यहां तक कि राजपूतों और गुर्जरों ने भी नीरज चोपड़ा पर अपने समुदाय का होने को लेकर दावा किया.
स्वात घाटी से आकर हरियाणा में बसे थे रोर
बाद में खुलासा हुआ कि नीरज चोपड़ा रोर या रोड़ कम्युनिटी से ताल्लुक रखते हैं. देश भर में रोर की आबादी लगभग आठ लाख है. उनमें भी ज्यादातर हरियाणा में रहते हैं. मगर ये कम्युनिटी पाकिस्तान की स्वात घाटी से हरियाणा में आकर बसी थी. माना जाता है कि रोर लगभग 1500 साल पहले स्वात घाटी छोड़कर भारत के इस हिस्से में आकर आबाद हुए. गुप्तकालीन भारत में वो जगह पश्चिम भारत थी. यानी वो जगह जो आज पाकिस्तान के कब्जे में है और विवादित है. वो स्थान जहां कभी रोर रहते थे उसे प्राचीनकाल में गांधार के नाम से जाना जाता था. यह स्थान हिंदू और बौद्ध धर्म का प्रमुख केंद्र हुआ करता था.
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मुसलमान तो बने, पर राजपूती पहचान भी रखी
सुखेरा या सुखेड़ा दरअसल भारत के एक बड़े राजपूत समुदाय की एक शाखा है. सुखेरा लोगों को डोडिया राजपूत राजवंश का एक हिस्सा भी माना जाता है. इस राजपूत समुदाय के लोगों ने सैकड़ों साल पहले इस्लाम धर्म जरूर स्वीकार कर लिया था. लेकिन उन्होंने अपनी इस पहचान को भी बनाकर रखा. सुखेरा समुदाय के लोग हरियाणवी बोलते हैं. ये पूरी तरह से सुन्नी हैं और इनके रीति रिवाज पाकिस्तान में बसे अन्य हरियाणवी मुसलमानों जैसे मेव और रंगहर के जैसे ही हैं.
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अरशद नदीम के थ्रो पर क्या बोले नीरज
नीरज चोपड़ा ओलंपिक के दौरान चोटिल थे. लेकिन फिर भी भारतीय जेवलिन थ्रोअर ने 89.4 मीटर के साथ सिल्वर मेडल अपने नाम किया. नीरज ने अब अरशद के गोल्डन थ्रो और अपने चूकने को लेकर बयान दिया है. नीरज से जब यह पूछा गया कि अरशद के 92 मीटर से ज्यादा थ्रो करने पर उनके दिमाग में क्या चल रहा था. इस पर नीरज ने कहा, “मुझे कभी भी नहीं लगा कि मैं इतना थ्रो कर पाऊंगा.” भारतीय एथलीट ने कहा कि भले ही मेरा ये कहना किसी को कैसा लगे, लेकिन हकीकत यह है कि मुझे कभी नहीं लगा कि इतना थ्रो कर पाऊंगा.
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FIRST PUBLISHED : August 17, 2024, 15:47 IST