नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज देश को 3 परम रुद्रा सुपर कंप्यूटिंग सिस्टम समर्पित करेंगे. उन्होंने अपने X अकाउंट से इस बारे में ट्वीट करके जानकारी दी. प्रधानमंत्री ने अपने अकाउंट पर लिखा, “टेक संबंधी इनोवेशन को बढ़ावा. आज शाम 5:30 बजे के करीब वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से मैं 3 परम रुद्र सुपर कंप्यूटिंग सिस्टम और पर्यावरण व जलवायु के लिए एक हाई परफॉर्मेंस कंप्यूटिंग सिस्टम का पदार्पण करुंगा. मैं खासतौर पर अपने युवा साथियों से इस कार्यक्रम से जुड़ने की अपील करता हूं.”
सुपर कंप्यूटर के बारे में ज्यादातर लोगों को ज्यादा जानकारी नहीं होती. इसे आसान भाषा में समझें तो सुपर कंप्यूटर बेहद तेज़ और शक्तिशाली होते हैं, जो जटिल गणनाओं को मिनटों में पूरा कर सकते हैं, जबकि सामान्य कंप्यूटरों को वही काम करने में 500 साल लग सकते हैं. उदाहरण के लिए, एक सुपर कंप्यूटर इतनी बड़ी मात्रा में डेटा को एक साथ प्रोसेस कर सकता है, जितना एक साधारण कंप्यूटर कल्पना भी नहीं कर सकता. सुपर कंप्यूटर का इस्तेमाल वैज्ञानिक और अनुसंधान कार्यों में होता है, जैसे खगोलीय घटनाओं का अध्ययन, जलवायु परिवर्तन की भविष्यवाणी, और जटिल भौतिकीय अनुसंधान.
कहां होगा इनका इस्तेमाल?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 130 करोड़ रुपये की लागत से तीन नए सुपर कंप्यूटर ‘परम रुद्र’ को देश को समर्पित करेंगे. इन सुपर कंप्यूटरों को पुणे, दिल्ली और कोलकाता में लगाया जाएगा. पुणे में इसे विशालकाय मीटर रेडियो टेलीस्कोप (GMRT) के लिए उपयोग किया जाएगा, जो खगोलीय घटनाओं की खोज और अध्ययन करेगा. दिल्ली में इंटर यूनिवर्सिटी एक्सेलेरेटर सेंटर (IUAC) में इसका उपयोग पदार्थ विज्ञान और परमाणु भौतिकी के शोध के लिए किया जाएगा.
पहला सुपर कंप्यूटर
भारत का पहला सुपर कंप्यूटर ‘परम 8000’ था, जिसे 1991 में सी-डैक (C-DAC) पुणे में विकसित किया गया था।.तब से लेकर अब तक भारत ने सुपर कंप्यूटिंग के क्षेत्र में लंबा सफर तय किया है. आज भारत के पास कई उन्नत सुपर कंप्यूटर हैं, जैसे ‘परम शिवाय’, ‘परम शक्ति’ और ‘परम अनंत’, जो विभिन्न अनुसंधान कार्यों में सहायक साबित हो रहे हैं.
विश्व में कहां खड़े हैं हम?
जहां तक वैश्विक सुपर कंप्यूटिंग की बात है, चीन, अमेरिका और जापान इस क्षेत्र में आगे हैं. भारत के पास भी 11 सुपर कंप्यूटर हैं, जो टॉप 500 सुपर कंप्यूटरों की सूची में शामिल हैं, जबकि पड़ोसी देश पाकिस्तान इस सूची में नहीं है. इस तरह के सुपर कंप्यूटर विज्ञान, तकनीकी अनुसंधान, और राष्ट्रीय विकास के लिए अहम भूमिका निभाते हैं. भारत इनका इस्तेमाल करके अपनी वैज्ञानिक क्षमताओं को और मजबूत कर रहा है.
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FIRST PUBLISHED : September 26, 2024, 17:06 IST