नई शिक्षा नीति 2020 के तहत उच्च शिक्षा के तहत बड़े बदलाव की तैयारियां हैं। इसके तहत संबद्ध महाविद्यालय नहीं चलेंगे। उसकी जगह स्वायत्तशासी (आटोनामस) और संघटक महाविद्यालयों ले लेंगे।
नई शिक्षा नीति 2020 के तहत उच्च शिक्षा के तहत बड़े बदलाव की तैयारियां शुरू हो गई हैं। इसके तहत विश्वविद्यालयों से संबद्ध महाविद्यालयों की व्यवस्था समाप्त कर दी जाएगी और उसकी जगह स्वायत्तशासी (आटोनामस) और संघटक महाविद्यालयों ले लेंगे। संघटक महाविद्यालयों का प्रशासनिक नियंत्रण विश्वविद्यालयों के पास रहेगा।प्रदेश में मौजूदा समय में महज 15 महाविद्यालय आटोनामस हैं। इसमें से केवल सात ही ऐसे हैं, जो उच्च शिक्षा विभाग के अधीन संचालित हैं।
इन सात महाविद्यालयों में चार सहायता प्राप्त और तीन स्ववित्तपोषित हैं। प्रदेश का एक भी राजकीय महाविद्यालय आटोनामस नहीं है। शासन ने अब महाविद्यालयों को आटोनामस बनाने के लिए एक नई पहल की है। शासन के निर्देश पर उच्च शिक्षा निदेशालय ने सभी राजकीय महाविद्यालयों के प्राचार्यों से नई शिक्षा नीति के अनुसार यूजीसी-आटोनामस कॉलेज योजना में आवेदन करने को कहा है। निदेशालय ने स्पष्ट किया है कि नई शिक्षा नीति 2020 के अनुसार 2035 के बाद संबद्ध महाविद्यालयों की व्यवस्था समाप्त हो जाएगी और सिर्फ आटोनामस एवं संघटक महाविद्यालय ही चलन में रहेंगे।
उच्च शिक्षा निदेशालय ने यूजीसी आटोनामस कॉलेज नियमन-2023 के अनुसार अर्हता पूरी करने वाले राजकीय महाविद्यालयों को आवेदन की प्रक्रिया शुरू करने को कहा है, जिससे वे इस योजना एवं विभिन्न प्रकार की केंद्रीय योजनाओं का लाभ प्राप्त कर सकें। प्रदेश में कुल 171 राजकीय महाविद्यालय हैं। वैसे तो प्रदेश सरकार ने अभी राजकीय महाविद्यालयों के लिए यह पहल की है, लेकिन आने वाले दिनों में सहायता प्राप्त महाविद्यालयों और स्ववित्तपोषित महाविद्यालयों को आटोनामस बनाना एक बड़ी चुनौती होगी। इन दोनों श्रेणी के कुल महाविद्यालयों की कुल संख्या 6000 के हजार के करीब है। प्रदेश में संघटक महाविद्यालयों की संख्या न के बराबर है।