उत्तर प्रदेश के गोरखपुर एम्स में मरीज रेफर करने पर हंगामा हुआ। सूचना पर सांसद और सहजनवां विधायक के हस्तक्षेप के बाद मरीज को 10 बजे के बाद फिर से भर्ती किया गया। जबकि, पर्चे पर रेफर कर दिया गया था।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के इमरजेंसी की हालत बेहद खराब हो गई है। इलाज के लिए आए मरीज को इमरजेंसी में तैनात डॉक्टर पूरे दिन रेफर करते रहे। बुधवार की रात जब मामला ज्यादा बिगड़ गया तब परिजनों ने हंमागा शुरू कर दिया। इसके बाद 112 पुलिस की टीम पहुंच गई। सूचना पर सांसद और सहजनवां विधायक के हस्तक्षेप के बाद मरीज को 10 बजे के बाद फिर से भर्ती किया गया। जबकि, पर्चे पर रेफर कर दिया गया था।
जानकारी के मुताबिक, चिलुआताल थाना क्षेत्र के मुहम्मदपुर माफी के रहने वाले प्रमोद कुमार गुप्ता (37) को घर में काम करने के दौरान चार दिन पहले चोट लग गई थी। घर के पास से मेडिकल स्टोर से दवा व ड्रेसिंग कराए। इस बीच बुधवार सुबह अचानक पैर में तेज दर्द उठा। परिजन इलाज के लिए सुबह 10 बजे एम्स के इमरजेंसी वार्ड ले गए। इमरजेंसी वार्ड में तैनात डॉक्टर ने परिजनों से बोले की बेड खाली नहीं है।
इस पर मरीज की बहन ने विरोध किया तो डॉक्टर उलझ गए और अपशब्द कहने लगे। इस बीच मरीज के साले बालेन्दु के आग्रह पर किसी तरह एक एक घंटे बाद 11 बजे पर्चा बना। इसके बाद मरीज डेढ़ घंटे तक स्ट्रेचर पर लेटा रहा। आरोप है कि इलाज के नाम पर केवल टहलाते रहे। इस पर शाम चार बजे सांसद रविकिशन शुक्ल के पीआरओ पवन दुबे से परिजनों ने शिकायत की। उन्होंने सहयोगी को भेजते हुए इलाज शुरू कराया।
दिन भर के बाद रात में आठ बजे बना दिया रेफर का पर्चा
इस बीच फिर आठ बजे के आसपास इमरजेंसी में तैनात डॉक्टर बोले कि बेड खाली नहीं है न ही कोई सीनियर डॉक्टर है। मरीज को लेकर यहां से जाइए। इतना ही नहीं मरीज के रेफर का पर्चा भी बना दिया। इस पर रात नौ बजे के आसपास परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया और 112 नंबर पुलिस को सूचना दी। इसके बाद सांसद रवि किशन शुक्ला और सहजनवां विधायक प्रदीप शुक्ला के रात में हस्तक्षेप के बाद मरीज को भर्ती किया गया है।