2500 रुपये की ठगी में पांच करोड़ का ठग पकड़ा गया है। एयरलाइंस कंपनी की फर्जी वेबसाइट बनाकर लोगों को नौकरी का झांसा देता था। क्राइम ब्रांच की साइबर सेल व साइबर थाना पुलिस ने जालौन के दो शातिरों को गिरफ्तार किया है। 2021 से जालसाजी कर पांच करोड़ रुपये ठग चुके हैं।
एयरलाइंस की फर्जी वेबसाइट बना नौकरी का झांसा देकर ठगने वाले कानपुर के सिहरी गांव माधवगढ़ जालौन निवासी मास्टरमाइंड अभिषेक सिंह और राजनाथ सिंह को क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया है। गिरोह अब तक पांच करोड़ की ठगी कर चुका है। बिजनौर की मोनिका चौहान ने 2500 रुपये की ठगी की रिपोर्ट कानपुर आकर दर्ज कराई थी। क्राइम ब्रांच ने तफ्तीश के बाद दोनों ठगों को गिरफ्तार कर लिया। गिरोह के चार गुर्गों की तलाश जारी है। बुधवार को डीसीपी क्राइम आशीष श्रीवास्तव व एसीपी क्राइम मोहसिन खान ने प्रेसवार्ता कर बताया कि 23 सितम्बर 2024 को कानपुर के साइबर थाने में बिजनौर के गोहावर जैत गांव निवासी मोनिका चौहान ने एफआईआर दर्ज कराई थी।
मोनिका ने बताया था कि इंडिगो एयरलाइंस से मिलती जुलती फर्जी वेबसाइट इंदिगो रिलेशन.इन द्वारा एयर टिकटिंग की नौकरी का झांसा दिया गया था। रजिस्ट्रेशन के नाम पर 2500 रुपये और फिर ट्रेनिंग के नाम पर 8750 रुपये मांगे गए थे। 2500 रुपये जमा कराने के बाद ही मोनिका को साइबर ठगी का आभास हो गया था। साइबर ठगों ने उसे बताया था कि कंपनी का कानपुर के केशव नगर में ऑफिस है। डीसीपी क्राइम ने बताया कि सर्विलांस और साइबर सेल की मदद से मास्टरमाइंड अभिषेक और राजनाथ को पकड़ा गया। आरोपित सन 2021 से ठगी कर रहे हैं। अब तक पांच करोड़ से ज्यादा की ठगी को अंजाम दे चुके हैं। उनके अन्य साथी एनसीआर, जालौन में छिपे हुए हैं।
कंपनी मालिक बनकर शिकार चुनता था
डीसीपी क्राइम के अनुसार अभिषेक सिंह नौकरी देने वाली वेबसाइट्स पर कम्पनी मालिक बनकर अपना प्रोफाइल बनाता था। यहां से आवेदकों का डाटा मिल जाता था। फिर गिरोह के गुर्गे जरूरतमंदों को नौकरी का झांसा देते थे। उसने रजिस्ट्रेशन और ट्रेनिंग के नाम पर रुपये मंगाते थे। गिरोह के गुर्गे जालौन और एनसीआर में रहकर आवेदकों से संपर्क करते थे। पुलिस ने ठगों के पांच खाते फ्रीज कर दिए हैं, इनमें से ज्यादातर दिल्ली, एनसीआर के हैं।
कई प्रदेशों में ठगी, जा चुके हैं जेल
डीसीपी क्राइम ने बताया कि अभिषेक सिंह ने गिरोह के साथ मिलकर प्रदेश के लखनऊ, मेरठ, गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद के अलावा दिल्ली, राजस्थान, आन्ध्र प्रदेश, मध्यप्रदेश में भी साइबर ठगी को अंजाम दिया है। 2021 में अभिषेक को ठगी के मामले में महाराष्ट्र की बांद्रा पुलिस जेल भेज चुकी है।
नौकरी छोड़ बना गया ठग
एसीपी क्राइम मोहसिन खान ने बताया कि जालौन निवासी अभिषेक सिंह सन 2021 में ग्रेजुएशन पूरा करने के बाद गुजरात में सेल्स व मार्केटिंग की नौकरी करता था। पैसे कम मिलने के कारण वह काम छोड़कर घर आ गया और साइबर ठगी करने लगा। फर्जी कॉल सेंटर खोल लोगों को ठगने लगा। वहीं, राजनाथ सिंह एलएलबी द्वितीय वर्ष का छात्र है। एसीपी के मुताबिक आरोपितों के पास से तीन फोन और एक नई कार बरामद की गई है। पांच बैंक खातों को फ्रीजकियागयाहै।