कोलकाता: कोलकाता के आर जी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के जूनियर डॉक्टरों ने बुधवार को 51 चिकित्सकों, कर्मचारियों और प्रशिक्षुओं के खिलाफ नारेबाजी की। इनमें से 12 चिकित्सक संस्थान के भीतर धमकाने की संस्कृति के आरोपों के संबंध में जांच समिति के समक्ष पेश हुए। सैकड़ों जूनियर डॉक्टरों ने रैली निकाली और ‘‘धमकी की संस्कृति मुर्दाबाद’’ तथा ‘‘उत्तर बंगाल लॉबी मुर्दाबाद’’ जैसे नारे लगाते हुए नाराजगी व्यक्त की एवं जवाबदेही तय करने की मांग की। मामले में समन प्राप्त करने वाले लोगों में वरिष्ठ पीजीटी चिकित्सक आशीष पांडे भी शामिल हैं, जो तृणमूल कांग्रेस छात्र परिषद (टीएमसीपी) से जुड़े हैं और उनका संबंध पूर्व प्राचार्य संदीप घोष से है। घोष वर्तमान में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की हिरासत में हैं।
अस्पताल अधीक्षक के दफ्तर को घेरा
प्रदर्शनकारी जूनियर चिकित्सकों ने गवाही देने वाले 12 लोगों की सुनवाई के दौरान अस्पताल अधीक्षक कार्यालय के बाहर के क्षेत्र को घेर लिया। इन 51 चिकित्सकों, कर्मचारियों और प्रशिक्षुओं पर धमकी की संस्कृति को बढ़ावा देने का आरोप लगाया गया है तथा उन्हें जांच समिति के समक्ष गवाही देनी थी। घोष के साथ उनके कथित संबंधों के कारण अधिकारियों ने परिसर पर उनके प्रवेश को प्रतिबंधित कर दिया है। घोष का नाम अस्पताल प्रशासन में कई विवादों से जुड़ा रहा है। एक अलग घटनाक्रम में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के निजी चिकित्सक डॉ.श्यामा प्रसाद दास ने घोष के साथ अपने संबंधों के बारे में आरोपों का जवाब दिया।
उन्होंने एक बांग्ला समाचार चैनल से कहा कि उन्हें ‘‘उत्तर बंगाल लॉबी’’ के बारे में कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने दावा किया कि जांच में उनका नाम अनुचित तरीके से जोड़ा जा रहा है। तथाकथित ‘उत्तर बंगाल लॉबी’ सरकारी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में कार्यरत चिकित्सकों के एक समूह को कहा जा रहा है। समूह से जुड़े चिकित्सकों पर आर जी कर अस्पताल के जूनियर डॉक्टरों को ‘‘धमकाने’’ का आरोप लगाया गया है। समूह के चिकित्सकों को संदीप घोष का करीबी सहयोगी माना जाता है। दास ने अपनी गिरफ्तारी और पूछताछ की राजनीतिक दलों की मांग को खारिज कर दिया और कहा कि ये मांगें राजनीति से प्रेरित हैं।
भाजपा ने सीएम के इस्तीफे की मांग को लेकर दिया धरना
बीजेपी की पश्चिम बंगाल इकाई ने बुधवार को दक्षिण कोलकाता में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आवास के नजदीक हाजरा इलाके में धरना दिया और आरजी कर अस्पताल में महिला चिकित्सा से दुष्कर्म के बाद हत्या की घटना को लेकर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) प्रमुख के इस्तीफे की मांग की। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने घटना को लेकर राज्य सरकार की आलोचना की, जबकि भाजपा कार्यकर्ताओं ने महिला चिकित्सक के लिए न्याय की मांग करते हुए तख्तियां लहराईं। शुभेंदु अधिकारी ने धरना स्थल पर भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, “कार्यस्थल पर महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने में विफल रहने और घटना को छिपाने का प्रयास करने के लिए हम मुख्यमंत्री के तत्काल इस्तीफे की मांग करते हैं।” उन्होंने आरोप लगाया कि दुष्कर्म के बाद हत्या मामले में दोषियों को बचाने के प्रयास में महत्वपूर्ण सबूतों को कथित तौर पर नष्ट किया गया। उन्होंने दावा किया, “राज्य सरकार ने त्वरित जांच सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम नहीं उठाए।” महिला स्नातकोत्तर प्रशिक्षु का शव नौ अगस्त की सुबह कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के सभागार के अंदर मिला था। पिछले सप्ताह पश्चिम बंगाल के विभिन्न सरकारी अस्पतालों में कनिष्ठ चिकित्सकों ने 42 दिनों के अंतराल के बाद आंशिक रूप से अपनी सेवाएं फिर से शुरू की। (भाषा)