अखिल भारतीय शतरंज महासंघ ने बुधवार को एक सम्मान समारोह के दौरान 45वें ओलंपियाड में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रचने वाली भारतीय टीमों के लिए 3.2 करोड़ रुपये के इनाम की घोषणा की। एआईसीएफ के अध्यक्ष नितिन नारंग ने सम्मान समारोह के दौरान यह घोषणा की।
भारत की पुरुष और महिला विजेता टीमों के प्रत्येक खिलाड़ी को 25 लाख रुपये मिलेंगे जबकि पुरुष और महिला टीमों के कोच अभिजीत कुंटे और श्रीनाथ नारायणन को 15-15 लाख रुपये का इनाम दिया जाएगा।
भारतीय दल के प्रमुख ग्रैंडमास्टर दिव्येंदु बरुआ को 10 लाख रुपये और सहायक कोच को साढ़े सात लाख रुपये का इनाम दिया जाएगा। नारंग ने सम्मान समारोह के दौरान कहा, ‘‘स्वर्ण पदक की भूख हंगरी में खत्म हो गई लेकिन सफलता की चाहत जारी है। ओपन वर्ग में हमने दबदबा बनाया और महिला वर्ग में हमने कड़ी जीत हासिल की।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे खिलाड़ी शतरंज की बिसात पर स्टीक निशानेबाज हैं। विश्वनाथन आनंद द्वारा बोए गए बीज जंगल बन गए हैं।’’
एआईसीएफ के महासचिव देव ए पटेल ने कहा कि ऐतिहासिक दोहरे स्वर्ण पदक देश में शतरंज क्रांति लाने में मदद करेंगे। पटेल ने कहा, ‘‘शतरंज ओलंपियाड के 97वें वर्ष में हमने दोनों श्रेणियों में स्वर्ण पदक जीते। यह एक ऐतिहासिक उपलब्धि है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह शतरंज के प्रति उत्साही लोगों को एक नई ऊर्जा देगा। हम इस लय का उपयोग शतरंज के खिलाड़ियों की अगली पीढ़ी को प्रोत्साहित करने के लिए करेंगे।’’
भारत ने बुडापेस्ट में 45वें शतरंज ओलंपियाड में इतिहास रचा जब पुरुष और महिला दोनों टीमों ने अपने पहले स्वर्ण पदक जीते जो भारतीय शतरंज में एक बड़ी उपलब्धि है। डी गुकेश, अर्जुन एरिगेसी और आर प्रज्ञानानंदा की पुरुष टीम ने पूरे टूर्नामेंट में अपना दबदबा बनाया और अंतिम दौर में स्लोवेनिया को हराया। गुकेश ने 11 में से 10 बाजी जीती जिससे भारत संभावित 22 में से 21 अंक लेकर शीर्ष पर पहुंच गया।
डी हरिका, तानिया सचदेव और आर वैशाली की अगुआई वाली महिला टीम ने अंतिम दौर के तनावपूर्ण मैच में अजरबेजान को हराकर स्वर्ण पदक हासिल किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को व्यक्तिगत रूप से चैंपियनों को बधाई दी और उनके समपर्ण तथा भारतीय खेलों पर प्रभाव की प्रशंसा की।