फतेहपुर और रायबरेली के बीच सीमा विवाद 150 से ज्यादा गोवंशों की जान पर भारी पड़ रहा है। गंगा में बाढ़ के चलते ये गोवंश टापू में फंस गए हैं। दो दिनों से भूख से तड़प रहे हैं।
फतेहपुर और रायबरेली के बीच सीमा विवाद 150 से ज्यादा गोवंशों की जान पर भारी पड़ रहा है। गंगा में बाढ़ के चलते ये गोवंश टापू में फंस गए हैं। दो दिनों से भूख से तड़प रहे हैं। सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद खागा तहसील प्रशासन पहुंचा लेकिन रायबरेली सीमा बताकर पल्ला झाड़ लिया। रायबरेली के डलमऊ एसडीएम ने गोवंश को निकालने की बजाए वहीं खुराक मुहैया कराने को कह दिया।
सुल्तानपुर घोष थाना क्षेत्र के जाफराबाद गांव के सामने गंगा की धारा के बीच चरने पहुंचे गोवंश पानी बढ़ने पर वहीं फंस गए। जानकारी मिलने पर नायब तहसीलदार ओमप्रकाश गए लेकिन गंगा की तीन धाराओं के बाद गोवंश के फंसे होने से वहां तक नहीं पहुंच सके। बताया कि जाफराबाद तट से गोवंशों के बीच करीब दो किमी का फासला है, जहां से रेस्क्यू कराना खतरनाक साबित हो सकता है। इसके बाद उन्होंने टापू को रायबरेली सीमा पर बताया और वापस चले गए। एसडीएम डलमऊ को इसकी जानकारी देकर फतेहपुर प्रशासन ने किनारा कर लिया।
गोवंश के बहने का खतरा
दोनों जिलों के अफसर गोवंश को वहां से निकालने के पक्ष में नहीं हैं। वजह, नदी का बहाव काफी तेज है। ऐसे में जलधारा से गोवंश के बहने का खतरा मंडरा रहा है। आशंका जताई जा रही है कि उन्हें पकड़ भी लिया तो गोवंश के नाव से कूद जाने का खतरा है। एसडीएम डलमऊ अभिषेक वर्मा के मुताबिक उन्हें खुराक मुहैया कराने की कोशिश हो रही है। इसमें सीवीओ एवं बीडीओ को लगाया गया है। प्रधानों व स्थानीय लोगों से भी मदद ली जा रही है। उन्होंने कहा कि पानी घटने पर गोवंश को गोशालाओं में संरक्षित कराया जाएगा।
एसडीएम खागा अजय कुमार पांडेय के अनुसार जहां गोवंश फंसे हुए हैं, वह रायबरेली जिले की सीमा में आता है। एसडीएम डलमऊ को इस बारे में अवगत करा दिया गया है। मवेशियों को रायबरेली प्रशासन सुरक्षित बाहर निकालेगा।