मुख्तार अंसारी के सांसद भाई अफजाल अंसारी ने गैंगस्टर एक्ट के तहत लखनऊ के डॉलीबाग में कुर्क किए गए फ्लैट को मुक्त कराने के लिए एमपी/एमएलए कोर्ट में अर्जी दाखिल की है। इस पर सुनवाई करते हुए एमपी/एमएलए कोर्ट के जज शक्ति सिंह ने 29 सितम्बर की तारीख लगाई है।
मुख्तार अंसारी के सांसद भाई अफजाल अंसारी ने गैंगस्टर एक्ट के तहत लखनऊ के डॉलीबाग में कुर्क किए गए फ्लैट को मुक्त कराने के लिए एमपी/एमएलए कोर्ट में अर्जी दाखिल की है। इस पर सुनवाई करते हुए एमपी/एमएलए कोर्ट के जज शक्ति सिंह ने 29 सितम्बर की तारीख लगाई है। सांसद अफजाल अंसारी पर गैंगस्टर एक्ट में दर्ज मुकदमे के आधार पर जिलाधिकारी आर्यका अखौरी ने अफजाल अंसारी की पत्नी फरहत अंसारी की डालीबाग लखनऊ स्थित फ्लैट व भू-खण्ड को गैगेस्टर एक्ट में 14 ए की कार्यवाही करते हुए कुर्क किया था। कुर्की के कार्रवाई के बाद सम्पति को अर्जित किये जाने के संदर्भ में कोई स्पष्ट प्रमाण प्रस्तुत न करने पर जिलाधिकारी ने गैंगेस्टर एक्ट की धारा 16 (1) में उस सम्पत्ति को राज्य की सम्पत्ति घोषित करने का अभिमत बना दिया।
इसको मुक्त कराने के लिए सांसद अफजाल अंसारी ने एमपी एमएलए कोर्ट गाजीपुर में निरीक्षक की रिपोर्ट पेश की। अपर शासकीय अधिवक्ता नीरज श्रीवास्तव ने बताया कि एमपी एमएलए कोर्ट के न्यायाधीश शक्ति सिंह ने सोमवार को अफजाल अंसारी के अधिवक्ता का पक्ष सुना। अगली तारीख 29 सितम्बर तय की है।
अफजाल अंसारी को पिछले दिनों गैंगस्टर को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली थी। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गैंगस्टर एक्ट में अफजाल अंसारी को मिली चार साल की सजा को रद्द कर दिया था। इसके साथ ही अफजाल अंसारी की सांसदी पर मंडरा रहा खतरा समाप्त हो गया था। वर्ष 2005 में भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या के बाद अफजाल पर भी मामला दर्ज किया गया था।
गाजीपुर की सांसद-विधायक अदालत ने 29 अप्रैल 2023 को अफजाल को गैंगस्टर कानून के मामले में दोषी करार दिया था और उन्हें चार साल की जेल की सजा सुनाई थी। इसके अलावा उन पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था। अदालत ने अफजाल के भाई मुख्तार अंसारी को भी दोषी करार देते हुए 10 वर्ष की जेल की सजा सुनाई थी। इसके बाद, अफजाल सांसद के तौर पर अयोग्य हो गए जिसके बाद उन्होंने उच्च न्यायालय में अपील दायर की गई थी।
उच्च न्यायालय ने 24 जुलाई 2023 को अफजाल को जमानत दे दी, लेकिन इस मामले में उनकी दोषसिद्धि पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। जिसके चलते उन्हें जेल से तो रिहा कर दिया गया, लेकिन उनकी सांसदी बहाल नहीं हुई। इसके साथ ही वह भविष्य में चुनाव लड़ने के अयोग्य हो गए क्योंकि उन्हें सुनाई गई सजा दो वर्ष से अधिक की थी। मामला सुप्रीम कोर्ट से हाईकोर्ट पहुंचा था और अफजाल अंसारी को राहत मिल गई थी।