कानपुर में रविवार को 2 ट्रेन हादसे होते-होते बचे। दिल्ली-हावड़ा रेल मार्ग पर कानपुर सेंट्रल से फतेहपुर के बीच प्रेमपुर रेलवे स्टेशन की लूप लाइन में सिलेंडर मिलने के साढ़े चार घंटे बाद 14034 जम्मू मेल हादसाग्रस्त होने से बच गई।
दिल्ली-हावड़ा रेल मार्ग पर रविवार को कानपुर सेंट्रल से फतेहपुर के बीच प्रेमपुर रेलवे स्टेशन की लूप लाइन में सिलेंडर मिलने के साढ़े चार घंटे बाद 14034 जम्मू मेल हादसाग्रस्त होने से बच गई। कानपुर से प्रयागराज की ओर जा रही जम्मू मेल के एक कोच के सॉकर के नट-बोल्ट खुलकर प्रेमपुर स्टेशन के पास गिर गए। इसके साथ ही ट्रेन का एक डिब्बा हिलने लगा। तभी रेड सिग्नल हुआ जिस वजह से वहीं पर ट्रेन खड़ी हो गई। इस दौरान गश्त कर रहे प्वाइंट मैन कमलेश की नजर पड़ गई। तत्काल जिम्मेदारों को सूचना दी। मौके पर नट-बोल्ट कसे गए। इसके बाद ट्रेन लगभग पौन घंटे रवाना हो सकी।
प्रेमपुर रेलवे स्टेशन के पास ट्रैक पर सिलेंडर मिलने के बाद पुलिस, जीआरपी व आरपीएफ के अधिकारी जांच कर रहे थे। इस दौरान सिग्नल न होने के चलते कानपुर से प्रयागराज की तरफ जा रही जम्मू मेल डाउन लाइन पर लोको पायलट ने रोक दी। इस समय ट्रैक के किनारे खड़े प्वाइंटमैन कमलेश की नजर एक डिब्बे पर पड़ी तो देखा कि पहिए के सॉकर का नट-बोल्ट निकला हुआ है। रेलवे के इंजीनियर ने जांच की जिसके बाद मरम्मत हुई और लगभग पौन घंटे बाद ट्रेन को आगे के लिए रवाना किया गया।
यह ट्रेन सिग्नल न मिलने से 10.27 बजे प्रेमपुर पहुंची थी और 11.11 बजे वहां से चली। इस चक्कर में वंदे भारत एक्सप्रेस सहित सात ट्रेनें फंस गईं। जम्मू मेल को थोड़ा पीछे कर वंदे भारत को लूप लाइन से निकाला गया। थोड़ी देर बाद ट्रेनों का संचालन सुचारु रूप से शुरू हो गया। आरपीएफ इंस्पेक्टर बीपी सिंह ने बताया कि सॉकर का नट ढीला हो गया था जिसे लगाने के बाद जम्मू मेल को रवाना कर दिया गया।