योगी आदित्यनाथ सरकार ने ‘एक जिला, एक उत्पाद’(ओडीओपी) की तर्ज पर प्रदेश के कृषि एवं औद्यानिक क्षेत्र में ‘वन ब्लॉक, वन क्रॉप’ की योजना शुरू की है। इसका मुख्य उद्देश्य न सिर्फ प्रदेश में पैदा होने वाली विभिन्न फसलों की अलग-अलग किस्मों की ब्रांडिंग है बल्कि सूबे के किसानों की आमदनी में इजाफा करना भी है। इसके तहत प्रदेश के प्रत्येक ब्लॉक की उसकी एक कृषि या औद्यानिक फसल चिह्नित की जा रही है। उसके बाद उसकी गुणवत्ता में सुधार कर उत्पादकता सुधारी जायेगी। हार्वेस्टिंग के बाद उस फसल की मार्केटिंग और ब्रांडिंग कराकर किसानों को लाभकारी मूल्य दिलाया जायेगा। सरकार की इस बहुद्देशीय योजना पर कृषि उत्पादन आयुक्त की देखरेख में कृषि और उद्यान विभाग की ओर से संयुक्त रूप से कवायद शुरू कर दी गई है।
फसलें की जा रही चिन्हित
प्रदेश को नौ कृषि जलवायु क्षेत्र में बांटा गया है फिर भी कृषि हो या उद्यान अलग-अलग कृषि उत्पादों की तमाम वेराइटी ब्लॉक स्तर पर ही बदल जाती हैं। क्षेत्र विशेष में कुछ खास फसलें ऐसी भी हैं, जिन्हें किसान स्थानीय स्तर पर ज्यादा उगाना पसंद करते हैं या उनमें ज्यादा लाभ की संभावना रहती है। किन्तु स्थानीय बाजारों में बेचने के कारण उनको आवश्यकता के अनुरूप मुनाफा नहीं मिल पाता। ऐसी ही फसलों को चिह्नित कर उनकी पैदावार बढ़ाकर और उनकी गुणवत्ता में सुधार का काम कृषि और उद्यान विभाग ने शुरू किया है। उद्यान एवं कृषि विभाग के जिलों में तैनात अधिकारियों को ऐसी फसलें चिह्नित करने को कहा गया है। फसलें चिह्नित करने के बाद प्रदेश स्तर पर इनकी समीक्षा की जाएगी। उसके बाद आगे की योजना पर काम शुरू किया जायेगा।
एफपीओ की होगी अहम भूमिका
इस योजना में तीन स्तर पर काम करने की रणनीति तैयार की गई है। पहला यह कि चिन्हित फसल की खेती किसान अच्छे ढंग से कर सके। उसकी क्वालिटी निखरे और पैदावार भी बढ़े। योजना लागू होने से फसल की ब्रांडिंग होगी। इस काम में कृषक उत्पादक संगठनों (एफपीओ) का सहयोग लिया जाएगा। अकेले किसान कोई काम करता है तो संसाधनो के अभाव में क्वालिटी मार्केट तक उसकी फसल नहीं पहुंचा पाती है। ऐसे में वह स्थानीय स्तर पर बेचता है जिससे अच्छे दाम नहीं मिलते। एफपीओ के साथ फसलों की प्रॉसेसिंग पर भी काम होगा। यदि किसी फसल को प्रॉसेस करके अच्छे दाम मिल सकते हैं तो वह भी किया जायेगा।
क्या बोले अधिकारी
उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग के निदेशक डॉ. विजय बहादुर द्विवेदी ने कहा कि किसान स्थानीय स्तर पर फसलें पैदा कर रहे हैं लेकिन उनको स्थानीय बाजारों में उनके वाजिब दाम नहीं मिलते ऐसे में नई योजना किसानों को उनके उत्पाद का लाभकारी मूल्य दिलाने में महत्वपूर्ण भृमिका निभाएगी। शासन स्तर पर इस योजना को अन्तिम रूप दिया जा रहा है। आने वाले समय में इसके बेहतर परिणाम देखने को मिलेंगे।