सोनभद्र, संवाददाता। जिले में संचालित वन स्टाप सेंटर के माध्यम से एक वर्ष में
सोनभद्र, संवाददाता। जिले में संचालित वन स्टाप सेंटर के माध्यम से एक वर्ष में 171 महिलाओं को लाभान्वित किया गया है। इसमें सबसे अधिक 84 महिलाएं घरेलू हिंसा की शामिल हैं, जिन्हें सुलह समझौते के आधार पर उनके ससुराल भेजा गया है। वन स्टाप सेंटर में पीड़ित महिलाओं के आश्रय के लिए पांच बेड का अस्थायी आश्रय स्थल संचालित है।
महिलाओं, किशोरियों के साथ विभिन्न तरह की हिंसा होती रहती है, जिससे वे पीड़ित होती हैं। तमाम ऐसी घटनाएं भी होती हैं जिससे उन्हें कहीं आश्रय नहीं मिलता है। ऐसे में उन्हें आश्रय देने, पुनर्वासित कराने के लिए सरकार ने वन स्टाप सेंटर की स्थापना की है। इससे कई विभागों को जोड़ा गया है ताकि वे पीड़िता को न्याय दिलाने में त्वरित कार्रवाई कर सकें। खासकर घरेलू हिंसा की शिकार महिलाओं, लावारिस व विभिन्न घटनाओं से ग्रसित किशोरियों, महिलाओं, बाल विवाह रोकने संबंधित कार्य यहां से संचालित होता है। आंकड़ों पर गौर करें तो अप्रैल 2023 से मार्च 2024 तक इस सेंटर के जरिए घरेलू हिंसा से प्रभावित 84 महिलाओं का सुलह समझौता के जरिए वाद निस्तारित किया गया और उन्हें उनके ससुराल भेजा गया। इसी तरह पांच महिलाओं को आश्रय, आठ को पुनर्वासित, 25 को विधिक सहायता दिलाई गई है। इसके साथ ही 13 बाल विवाह रोकवाए गए। 10 महिलाओं को चिकित्सा सहायता, आठ को पुलिस सहायता दिलाई गई और 18 रेस्क्यू किये जा चुके हैं।
वन स्टाप सेंटर में वीडियो कांफ्रेंसिंग की भी सुविधा उपलब्ध है। यहां आश्रय ली महिला को न्यायालय में पेश होना है और किसी विपरीत परिस्थिति के कारण वह न्यायालय जाने में सक्षम नहीं है तो उसकी पेशी वीडियो कांफ्रेंसिंग से कराई जा सकती है। हालांकि अब तक ऐसा कोई मामला नहीं आया है।
जिले में वन स्टाप सेंटर के तहत संचालित अस्थायी आश्रय स्थल में पांच महिलाओं को पांच दिन तक आश्रय देने की भी व्यवस्था है। अगर ज्यादा दिन रहने का मामला आता है तो उन महिलाओं को स्थायी आश्रय स्थल वाराणसी के लिए उपजिलाधिकारी के आदेश पर भेजा जाता है।
महिलाओं, किशोरियों की सुरक्षा, आश्रय और पुनर्वास के लिए वन स्टाप सेंटर संचालित है। यहां से महिलाओं को चिकित्सा व विधिक सहायता के साथ अन्य सुविधाएं दी जा रही हैं।
दीपिका सिंह, केंद्र प्रशासक, वन स्टाप सेंटर, सोनभद्र।