नई दिल्ली. यूक्रेन ने शुक्रवार को ऐलान किया कि उसने सरकारी अधिकारियों, सैन्य कर्मियों और महत्वपूर्ण कर्मचारियों के लिए टेलीग्राम मैसेजिंग ऐप के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है. यूक्रेन की राष्ट्रीय सुरक्षा और रक्षा परिषद के अनुसार, यह कदम इसलिए उठाया गया है क्योंकि उन्हें विश्वास है कि रूस इस प्लेटफॉर्म के जरिए भेजे जा रहे मैसेजेस और यूजर्स की गतिविधियों पर निगरानी कर सकता है.
इस प्रतिबंध का ऐलान यूक्रेन की जीयूआर सैन्य खुफिया एजेंसी के प्रमुख किरिलो बुडानोव द्वारा परिषद के सामने यह साबित करने के बाद लगाया गया कि रूस की स्पेशल सर्विसेज टेलीग्राम में सेंध लगा सकती हैं. परिषद के बयान में कहा गया है कि यह प्रतिबंध केवल आधिकारिक उपकरणों पर लागू होगा, जबकि आम जनता पर इस प्रतिबंध का असर नहीं होगा. टेलीग्राम ऐप का इस्तेमाल यूक्रेन और रूस दोनों में काफी अधिक है. फरवरी 2022 में रूसी आक्रमण के बाद से महत्वपूर्ण इन्फॉर्मेशन सोर्स बन गया है. हालांकि, यूक्रेनी सुरक्षा अधिकारियों ने युद्ध के दौरान इसके उपयोग को लेकर कई बार चिंता जताई है.
राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा
बुडानोव ने एक बयान में कहा, “मैं हमेशा विचारों की स्वतंत्रता का समर्थन करता हूं, लेकिन टेलीग्राम का मुद्दा स्वतंत्रता का नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा का है.” टेलीमेट्रियो डेटाबेस के अनुसार, यूक्रेन में लगभग 33,000 सक्रिय टेलीग्राम चैनल हैं. राष्ट्रपति वोलोडदिमिर जेलेंस्की, जो सुरक्षा परिषद में हैं, और अन्य सैन्य कमांडर नियमित रूप से टेलीग्राम चैनलों पर युद्ध की अपडेट्स और महत्वपूर्ण निर्णय साझा करते हैं. यूक्रेनी मीडिया के अनुसार, लगभग 75% यूक्रेनी इस ऐप का उपयोग करते हैं और 72% इसे सूचना का एक प्रमुख स्रोत मानते हैं.
संस्थापक हैं रूसी
टेलीग्राम की स्थापना दुबई में हुई थी और इसे रूसी मूल के पावेल दु्रोव ने बनाया था. उन्होंने 2014 में उस वक्त रूस छोड़ दिया था जब उन्हें अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म VKontakte पर विपक्षी समुदायों को बंद करने के लिए कहा गया था. अब दुरोव इस प्लेटफॉर्म को बेच चुके हैं. दुरोव को अगस्त में फ्रांस में उतरने पर गिरफ्तार किया गया था. उन पर आरोप है कि वह टेलीग्राम चाइल्ड पॉर्नोग्राफी और ड्रग्स बिजनसे को रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठा रहे हैं.
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FIRST PUBLISHED : September 20, 2024, 21:06 IST