गुमला: आधुनिक दिनचर्या ने कई लोगों की नींद छीन ली है. खासकर मेट्रो सिटी की लाइफस्टाइल में नींद न आने की दिक्कत से बहुत लोग परेशान देखे गए हैं. ऐसे में लोग नींद की गोलियां लेना शुरू कर देते हैं, जो कई बार स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित होती हैं. वहीं, आयुर्वेद में कुछ ऐसे उपाय हैं, जो इस समस्या को बिना किसी साइड इफेक्ट के दूर करने में कारगर हैं.
यहां तक की इसका प्रभाव आपको 72 घंटे में देखने को मिलेगा. झारखंड गुमला के आयुर्वेदाचार्य पंकज कुमार ने लोकल 18 को बताया कि नींद नहीं आने की समस्या से बहुत सारे लोग लोग परेशान हैं. अच्छी नींद के लिए हमारी दिनचर्या, खानपान का ख्याल रखना बहुत जरूरी है. लोगों को चाहिए कि अपनी दिनचर्या में कुछ ऐसी खाद्य सामग्री, जड़ी-बूटी का प्रयोग करें, जो मेंटल नर्व को रिलैक्स करती है.
ब्राह्मी का साग: नींद के लिए मुख्य रूप से ब्राह्मी जिसे बेंग साग के नाम से जाना जाता है, का इस्तेमाल कर सकते हैं. इसका प्रयोग साग, भाजी के रूप में भी लोग करते हैं. यदि इसे कच्चा सेवन करें तो यह ज्यादा कारगर साबित होगा. ब्राह्मी साग को पकाने से उसके कई पौष्टिक गुण समाप्त हो जाते हैं, इसलिए इसका प्रयोग कच्चा करना चाहिए. इसे शरबत, चाटनी के रूप में खा सकते हैं. इससे नींद अच्छी आएगी.
अश्वगंधा पाउडर: अश्वगंधा आयुर्वेदिक औषधि है जो तनाव को कम करने और नींद को बेहतर बनाने में सहायक है. इसे रोजाना दूध या पानी के साथ लेने से गहरी और बेहतर नींद आती है. सोने से आधा घंटा पहले एक चम्मच अश्वगंधा पाउडर को गर्म दूध के साथ लें.
कद्दू के बीज: कद्दू के बीज में ट्रिप्टोफैन नामक अमीनो एसिड होता है, जो मस्तिष्क में सेरोटोनिन के स्तर को बढ़ाने में मदद करता है. यह सेरोटोनिन बाद में मेलाटोनिन में बदलता है, जो नींद को नियंत्रित करता है. रोजाना 2-3 चम्मच कद्दू के बीज स्नैक्स के रूप में खाएं या सलाद में मिलाकर खा सकते हैं.
गुनगुना दूध और शहद: गुनगुने दूध में शहद मिलाकर पीना नींद को बेहतर बनाने का सबसे पुराना और प्रभावी उपाय है. इसमें मौजूद ट्रिप्टोफैन और कार्बोहाइड्रेट्स मस्तिष्क को शांत कर नींद लाने में मदद करते हैं. सोने से 30 मिनट पहले एक गिलास गुनगुने दूध में एक चम्मच शहद मिलाकर पिएं.
मुलेठी पाउडर: मुलेठी की जड़ में तनाव कम करने और शरीर को आराम देने के गुण होते हैं. यह प्राकृतिक रूप से शरीर को ठंडक प्रदान करता है और मस्तिष्क को आराम देने में मदद करता है. सोने से पहले एक चम्मच मुलेठी पाउडर गर्म पानी में मिलाकर पिएं.
पपीता: पपीता पाचन में सुधार करके नींद को बढ़ाने में मदद करता है. इसका नियमित सेवन नींद के चक्र को नियंत्रित करने में प्रभावी है. डिनर के 30 मिनट बाद पपीता खाएं.
72 घंटे में दिखेगा असर
विशेषज्ञ का दावा है कि यदि नियमित रूप से इन देसी आइटम्स का सेवन किया जाए तो 3 दिन के अंदर नींद की गुणवत्ता में सुधार दिखाई देना शुरू हो जाएगा. इसके साथ ही, व्यक्ति अधिक रिलैक्स और ऊर्जावान महसूस करेगा.
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FIRST PUBLISHED : September 19, 2024, 20:10 IST
Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.