सोनभद्र, संवाददाता। सोन घाटी सोन माटी के सोन धरा पर भव्य एवं दिव्य कजरी
सोनभद्र, संवाददाता। सोन घाटी सोन माटी के सोन धरा पर भव्य एवं दिव्य कजरी महोत्सव का आयोजन चुर्क स्थित राजकीय इंजीनियरिंग कालेज में मंगलवार को किया गया। देर रात तक चले सांस्कृतिक कार्यक्रम में एक से बढ़कर एक नृत्य प्रस्तुत किया गया। मुख्य अतिथि जिलाधिकारी बीएन सिंह, निदेशक उत्तर प्रदेश लोक कला एवं जनजाति संस्कृति संस्थान अतुल द्विवेदी, इंजीनियरिंग कालेज के निदेशक जीएस तोमर ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
संस्कृति विभाग, लोक एवं जनजाति संस्कृति संस्थान लखनऊ,भातखंडे संस्कृति विश्वविद्यालय लखनऊ, जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में कार्यक्रम आयोजित किया गया। कजरी गायन में आश्रया द्विवेदी प्रयागराज व राकेश उपाध्याय गोरखपुर ने प्रस्तुति दी। कजरी गायन एवं नृत्य फगुनी देवी मीरजापुर, करमा, डोमकच, झूमर नृत्य नाटिका आशा देवी की तरफ से प्रस्तुत किया गया। इसी प्रकार से कजरी गायन एवं नृत्य विन्ध्य कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय की छात्राओं की तरफ से प्रस्तुति की गई। कलाकारों को डीएम, निदेशक लोक कला एवं जनजाति संस्कृति संस्थान लखनऊ अतुल द्विवेदी की तरफ से सम्मानित किया गया। डीएम ने कहा कि भारतीय संस्कृति एवं सभ्यता पर आधारित ऐतिहासिक, पौराणिक,सांस्कृतिक विंध्य पर्वत की श्रृंखलाओं के हृदय तल पर स्थित पवित्र धरा पर भव्य एवं दिव्य, सुसज्जित तरीके से कजरी के महत्व को पहुंचाने का प्रयास सभी के सहयोग से किया गया। कजरी एक ऐसा कार्यक्रम है जो कजरी पूर्वी उत्तर प्रदेश का प्रसिद्ध लोकगीत है। कजरी की उत्पत्ति सोनभद्र व मिर्जापुर से ही मानी जाती है। अतुल द्विवेदी ने कहा कि यह अर्ध-शास्त्रीय गायन की जीवंत शैली के रूप में भी विकसित हुआ है। यह गायन केवल बनारस घराने तक ही सिमित होता जा रहा है। राजकीय इंजीनियरिंग कालेज के निदेशक जीएस तोमर ने कहा की प्रदेश के पूर्वांचल में कजरी गाने का प्रचार खूब पाया जाता है। इस मौके पर आलोक कुमार चतुर्वेदी, धनंजय पाठक, डा. अंजलि विक्रम सिंह, अजय कुमार सिंह, डीडीओ शेषनाथ चौहान, समाज कल्याण अधिकारी रमाशंकर यादव आदि थे।