देहरादून : ‘हर मिडिल क्लास फैमिली के बच्चों की तरह ही हमारा पालन-पोषण हुआ’. ये शब्द उन लाखों बच्चों की कहानी को बयां करते हैं जो साधारण परिवारों में बड़े होते हैं, मगर उनके सपने असाधारण होते हैं. विशेष भृगुवंशी की भी कहानी कुछ ऐसी ही है. एक मध्यमवर्गीय परिवार में पले-बढ़े विशेष ने अपनी मेहनत, समर्पण और जज़्बे के बल पर बास्केटबॉल की दुनिया में एक अलग मुकाम हासिल किया है. उनका जीवन इस बात का सबूत है कि संसाधन सीमित हो सकते हैं, लेकिन अगर सपने बड़े हों और उन्हें पाने का जुनून हो, तो कोई भी चुनौती बड़ी नहीं होती है. राष्ट्रीय खेल दिवस पर लोकल18 से बास्केटबॉल खिलाड़ी विशेष भृगुवंशी ने अपने जीवन के जुड़े कई किस्सों को साझा किया और उत्तराखंड में बॉस्केटबाल की संभावना को लेकर भी चर्चा की.
विशेष भृगुवंशी ने बताया कि उनके पिता टीचर और माता सरकारी स्कूल में प्रिंसिपल थीं. हर मिडिल क्लास फैमिली के बच्चों की तरह ही हमारा पालन-पोषण हुआ. बास्केबॉल जैसे खेल की दुनिया में कदम रखने के बाद माता-पिता ने मेरी हर ज़रूरतों को पूरा किया. मां का जिक्र करते हुए विशेष भृगुवंशी भावुक हो गए. उन्होंने कहा, जब मैं प्रैक्टिस करता था तो मां भी सुबह 4 बजे मेरे साथ मौजूद रहती थीं. हालांकि कोविड के दौरान उनकी मां का निधन हो गया था.
बड़े भाई ने बास्केटबॉल के लिए तराशा
मूल रूप से वाराणसी के रहने वाले विशेष भृगुवंशी बचपन से ही खेल की दुनिया में अपनी पहचान बनाना चाहते थे. घर के पास बने एक बास्केबॉल कोर्ट ने खेल के बारे में उन्हें सोचने को मज़बूर किया. लोकल18 से बचपन के किस्से साझा करते हुए विशेष ने बताया कि हर बच्चे की तरह मैं भी कभी फुटबाल, कभी क्रिकेट तो कभी अन्य गेम्स खेलता था. लेकिन मेरे बड़े भाई विभोर भृगुवंशी (मौजूदा अंतर्राष्ट्रीय बास्केटबॉल कोच) ने मुझे एक दिशा दी. स्कूल के दौरान मैं जिला और नेशनल स्तर पर खेला. जिसके बाद मन में ठान लिया था कि मैं बास्केटबॉल में ही अपना करियर बनाऊंगा.
2010 में बने थे भारतीय टीम के कप्तान
विशेष भृगुवंशी को शानदार परफॉर्मेंस के चलते 2010 में पहली बार भारतीय बास्केटबॉल पुरुष टीम की कप्तानी मिली. जिसके बाद यह सफर 2022 तक चलता रहा. 12 साल तक उनकी कप्तानी में भारतीय टीम ने कई अंतर्राष्ट्रीय मैच जीतें. हालांकि अभी भी विशेष भारतीय बास्केबॉल टीम के मौजूदा खिलाड़ी हैं. गौरतलब है कि राष्ट्रपति ने उन्हें 2020 में अर्जुन अवॉर्ड से भी सम्मानित किया था.
उत्तराखंड में भी बास्केबॉल की संभावनाएं
विशेष भृगुवंशी ने बताया कि उत्तराखंड में भी बास्केबॉल की अपार संभावनाएं हैं. मैं खुद इंडियन टीम में खेलता हूं. वर्तमान में हल्द्वानी के प्रशांत रावत भी भारतीय टीम के सदस्य हैं. ऐसा नहीं है कि यहां संभावनाएं नहीं हैं. उत्तराखंड के कई स्कूल और कॉलेज में अच्छे स्तर पर बास्केबॉल को बढ़ावा दिया जा रहा है. बस हमें इस ओर ज्यादा ध्यान देना है और उत्तराखंड का नाम रोशन करना है.
युवाओं को विशेष भृगुवंशी का संदेश
राष्ट्रीय खेल दिवस पर विशेष भृगुवंशी ने युवाओं को खास संदेश दिया है. उन्होंने कहा कि सिर्फ दिल से मेहनत कीजिए क्योंकि आपकी मेहनत कभी बेकार नहीं जाती है. एक दिन आपको ज़रूर सफलता मिलेगी. आने वाले समय में खेल में देश का भविष्य बहुत उज्ज्वल है.
भारत में शुरू होगी बास्केबॉल की लीग
एनबीए जैसी बड़ी लीग में भारत के कई खिलाड़ी खेल रहे हैं. विशेष भृगुवंशी ने कहा कि जल्द हमारे देश में भी बास्केबॉल की लीग आ रही है. हमारी फेडरेशन उसे जल्द लॉन्च करने वाली है. उम्मीद है कि जल्द ही कई प्लेयर्स अच्छे निकलेंगे, जो दुनियाभर में भारत का नाम रोशन करेंगे.
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FIRST PUBLISHED : August 29, 2024, 17:46 IST