उत्तर प्रदेश के इटावा सफारी पार्क के दो कुंवारे शेर सुल्तान और सिंबा के लिए जंगल में पैदा हुई शेरनियों की तलाश जोर-शोर से चल रही है ताकि दोनों के पंजे पीले कराए जा सकें। चार साल की उम्र में ब्रीडिंग के लायक बन चुके सुल्तान और सिंबा के लिए परिवार शुरू करने का इंतजार लंबा होता जा रहा है। अब इटावा सफारी प्रबंधन ने केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण (सेंट्रल जू अथॉरिटी) से गुजरात में जूनागढ़ के सक्करबाग जूलॉजिकल गार्डन से शेरनियों को लाने की इजाजत मांगी है। इटावा सफारी में जो जवान शेरनी हैं वो सब इन दोनों के रिश्ते में बहन लगती हैं।
अंग्रेजी अखबार द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक सफारी प्रबंधन की कोशिश है कि इटावा में शेर की जीन में विविधता रहे इसलिए वो गुजरात से ऐसी शेरनियां लाना चाहते हैं जो पैदा जंगल में हुई हों। इटावा लायन सफारी के निदेशक अनिल पटेल ने अखबार से कहा है कि उन्होंने सेंट्रल जू अथॉरिटी से आग्रह किया है कि उन्हें ऐसी शेरनी लाने दिया जाए जिनकी ब्रीडिंग व जन्म चिड़ियाघर में ना हुआ हो। जंगल में पैदा हुई शेरनियों के साथ इटावा सफारी में पैदा शेर प्रजनन से जो शावक पैदा करेंगे, उनका जीन बाकी से अलग होगा।
सफारी प्रबंधन की योजना है कि गुजरात से शेरनियों को लाने के बाद एक ही बाड़े में शेर के साथ जालियों से अलग रखा जाएगा। अगर दोनों में एक-दूसरे के लिए प्रेम की भावना पैदा होती है तो वो दोनों बाड़े में जालियों के आर-पार साथ-साथ टहलेंगे। इससे संकेत मिल जाएगा कि इन दोनों की जोड़ी बन सकती है। अगर ऐसा संकेत नहीं मिला तो शेर या शेरनी में एक को बदल दिया जाएगा।
सुल्तान और सिंबा इटावा सफारी की पहली पीढ़ी के शेर हैं। इटावा में पहली पीढ़ी के नौ शेर जन्मे थे जिसमें दो बच नहीं पाए। सफारी में शेरों के आपस में ही प्रजनन से बीमारियों का खतरा रहता है इसलिए प्रबंधन चाहता है कि सुल्तान और सिंबा के लिए बाहर से शेरनियां लाई जाएं। इन दोनों की बहनों को गुजरात से लाया कान्हा नाम का एक शेर मिल चुका है जिससे सफारी में दूसरी पीढ़ी के चार शेर पैदा हो चुके हैं।