यूपी में लखनऊ, कानपुर, आगरा के बाद अब मेरठ को भी मेट्रो की सौगात मिलने जा रही है। हालांकि मेरठ में रैपिड ट्रेन भी चलाई गई है। लेकिन मेरठ मेट्रो की बात ही कुछ अलग होने वाली है। वह इसलिए कि ये मेट्रो दूसरी मेट्रो से बिल्कुल अगल होगी। तीन डिब्बों की इस मेट्रो में मिलने वाली सुविधाओं के आगे अब दिल्ली, लखनऊ और कानपुर की मेट्रो भी भूल जाएंगे। मेरठ मेट्रो को भारत की सबसे तेज मेट्रो सेवा कहा जा रहा है। दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल परियोजना के लिए कार्यकारी एजेंसी एनसीआरटीसी द्वारा संचालित की जाने वाली, 100% मेक इन इंडिया मेरठ मेट्रो ट्रेनों में यात्रियों के लिए कई सुविधाएं दी गई हैं।
टाइम्स ऑफ इंडिया रिपोर्ट के अनुसार मेरठ में चलने वाली मेट्रो भारत की सबसे तेज़ मेट्रो ट्रेन सेवा होगी, जिसके कोच 135 किमी प्रति घंटे की गति के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। ट्रेन अधिकतम 120 किमी प्रति घंटे की गति से चलेगी। संयोग से, दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो भी 120 किमी प्रति घंटे की गति से चलती है। मेरठ मेट्रो पूरी तरह से वातानुकूलित ट्रेन सेवा होगी, जिसमें 2×2 अनुप्रस्थ और अनुदैर्ध्य बैठने की व्यवस्था में आरामदायक गद्देदार सीटें और यात्रियों की सुविधा के लिए कई आधुनिक सुविधाएं होंगी। मेरठ मेट्रो की क्षमता की बात करें तो 3 कोच वाली इस मेट्रो ट्रेन में 700 से अधिक यात्रियों को ले जाने की क्षमता होगी। इसके अलावा 173 यात्रियों के लिए बैठने की जगह उपलब्ध होगी।
मेरठ मेट्रो ट्रेन की विशेषताएं
मेरठ मेट्रो ट्रेनों में यात्रियों की यात्रा को आसान बनाने के लिए लगेज रैक, ग्रैब हैंडल, सीसीटीवी कैमरे, यूएसबी मोबाइल चार्जिंग, सुविधाएं, डायनेमिक रूट मैप और कई अन्य आधुनिक सुविधाएं होंगी। एनसीआरटीसी के अनुसार, चुनिंदा दरवाज़ा खोलने के लिए पुश बटन के इस्तेमाल से ऊर्जा की खपत कम होगी। इसका मतलब है कि जब ट्रेन स्टेशन पर रुकेगी, तो आपको ट्रेन से बाहर निकलने/प्रवेश करने के लिए दरवाज़े पर लगे बटन को दबाना होगा। मेरठ मेट्रो ट्रेनों में एकीकृत सुरक्षा उपायों में यात्री आपातकालीन संचार प्रणाली, अग्निशामक यंत्र, अलार्म और टॉक-बैक सिस्टम शामिल हैं। ट्रेन में व्हीलचेयर पार्किंग के लिए भी जगह है। मेरठ मेट्रो ट्रेन पुनर्योजी ब्रेकिंग प्रणाली से सुसज्जित है और यह ट्रेन स्वचालित ट्रेन सुरक्षा (एटीपी) और स्वचालित ट्रेन संचालन (एटीओ) के अनुकूल है। मेरठ मेट्रो ट्रेनसेट के एक्सटीरियर में फ्लोरेसेंट ग्रीन, ब्लू और ऑरेंज कलर की योजना है। ट्रेनों का निर्माण अलस्टॉम द्वारा गुजरात के सावली में उनकी फैक्ट्री में किया गया है।
दिसंबर तक चलेगी मेरठ मेट्रो
दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल कॉरिडोर पर मेरठ दक्षिण (परतापुर) से मोदीपुरम के बीच चलने वाले मेरठ मेट्रो का जल्द ट्रायल किया जाएगा। फिलहाल यह ट्रायल दुहाई डिपो से मेरठ दक्षिण के बीच होगा। बाद में दिसंबर तक इसे मेरठ के शताब्दीनगर तक संचालन किया जा सकेगा। दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल कॉरिडोर पर मेरठ में रैपिड रेल के साथ ही मेट्रो का संचालन होना है। मेट्रो का पांच रैक दुहाई डिपो में पहुंच चुका है, जिसका गत दिनों एनसीआरटीसी के एमडी शलभ गोयल ने अनावरण किया था। अब मेरठ मेट्रो के दुहाई डिपो से मेरठ दक्षिण के बीच ट्रायल की तैयारी चल रही है। हालांकि दिसंबर तक जब रैपिड रेल कॉरिडोर पर शताब्दीनगर तक नमो भारत का संचालन शुरू होगा तो मेरठ मेट्रो को भी शताब्दीनगर स्टेशन तक चलाने की तैयारी है। फिलहाल तीन कोच के मेरठ मेट्रो को ट्रायल के तौर पर चलाने की तैयारी हो रही है। वैसे दुहाई डिपो में लगातार ट्रायल रन किया जा रहा है।
मेरठ में 13 स्टेशनों के बीच चलेगी मेट्रो
एनसीआरटीसी के अधिकारियों के अनुसार मेरठ में मेरठ दक्षिण से मोदीपुरम डिपो के बीच कुल 23 किलोमीटर के कॉरिडोर पर 13 स्टेशनों के बीच मेट्रो का संचालन होगा ताकि शहर के बीच कहीं से भी यात्री सेवाओं का लाभ उठा सकें।
यह है स्टेशन
मेरठ दक्षिण, परतापुर, रिठानी, शताब्दीनगर, ब्रह्मपुरी, मेरठ सेंट्रल, भैंसाली,बेगमपुल,एमईएस कॉलोनी, डोरली, मेरठ उत्तर और मोदीपुरम स्टेशन होंगे और मोदीपुरम डिपो स्टेशन एट-ग्रेड होगा। अफसरों के अनुसार मेरठ शहर में मेरठ दक्षिण से मोदीपुरम के बीच चार स्टेशनों मेरठ दक्षिण, शताब्दीनगर, बेगमपुल और मोदीपुरम में नमो भारत की सेवाएं उपलब्ध होगी।