नोएडा पुलिस 15 हजार करोड़ रुपये से अधिक के जीएसटी फर्जीवाड़े में शामिल 16 और आरोपियों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई करेगी। इसके लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
नोएडा पुलिस 15 हजार करोड़ रुपये से अधिक के जीएसटी फर्जीवाड़े में शामिल 16 और आरोपियों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई करेगी। इसके लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इस मामले में अब तक 49 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है और 33 के खिलाफ पहले ही गैंगस्टर एक्ट लग चुका है।
नोएडा पुलिस ने बीते साल जून में एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया था, जो कागजों पर फर्जी कंपनी और फर्म बनाकर इनपुट टैक्स क्रेडिट लेकर सरकार को अरबों रुपये का नुकसान पहुंचा रहा था। आरोपियों ने कई शहरों में 100 से अधिक कंपनी बनाई थीं, जिनका वजूद सिर्फ कागजों में था। बीते सवा साल से इस मामले में लगातार आरोपियों की गिरफ्तारी का सिलसिला जारी है। इस मामले में सलाखों के पीछे पहुंचे किसी भी आरोपी की अब तक जमानत नहीं हो सकी है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पिछले सप्ताह ही मामले में शामिल सभी 49 आरोपियों की जमानत अर्जी खारिज कर दी थी।
अब नोएडा पुलिस संजय ढींगरा, मयंक ढींगरा, कनिका ढींगरा और तरुण जिंदल समेत 16 अन्य के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई करने जा रही है। कोर्ट से अनुमति मिलते ही आरोपियों की चल और अचल संपत्ति की पहचान कर कुर्की करने की कार्रवाई शुरू की जाएगी। जिन आरोपियों की मामले में गिरफ्तारी हुई है, उनमें कई अरबपति कारोबारी हैं। नोएडा पुलिस के बाद गुजरात समेत अन्य जगहों की पुलिस ने भी इस प्रकार के गिरोह का पर्दाफाश किया था। पूरे देश में जीएसटी फर्जीवाड़ा व्यापक स्तर पर किया जा रहा था।
कई आरोपी विदेश भागे : फर्जीवाड़े के कई आरोपी विदेश भाग चुके हैं। नोएडा पुलिस उनकी गिरफ्तारी के लिए ओपन डेटेड वारंट जारी करने की तैयारी कर रही है। इंटरपोल की मदद से आरोपियों तक पहुंचने का प्रयास किया जाएगा। उनके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी हो चुका है।
कई आरोपियों की संपत्ति कुर्क हो चुकी
फर्जी कंपनियों के नाम पर काले धन को सफेद किया जा रहा था। गिरोह में शामिल इनामी समेत कई अन्य आरोपी अब भी फरार हैं और नोएडा पुलिस की चार टीमें दिल्ली और उत्तर प्रदेश समेत अन्य संभावित ठिकानों पर लगातार दबिश दे रही हैं। कई आरोपियों की चल और अचल संपत्ति को कुर्क भी किया जा चुका है।
लोगों के नाम पर फर्जी फर्म खोलीं
आरोपी देश के अलग-अलग स्थानों पर रहने वाले लोगों के पैन कार्ड और आधार कार्ड का डेटा हासिल कर फर्जी कंपनी खोलते थे। इसके बाद जीएसटी नंबर लेकर और फर्जी बिल बनाकर आरोपी रिफंड ले लेते थे, जिससे सरकार को आर्थिक नुकसान होता था।
इस वर्ष गिरोह से जुड़े तीन कारोबारी पकड़े गए
इस साल तीन अरबपति कारोबारी को भी जीएसटी फर्जीवाड़े में दबोचा गया। सबसे पहले जीएसटी फर्जीवाड़े के मास्टरमाइंड हरियाणा के सोनीपत निवासी अजय शर्मा एवं संजय जिंदल को दबोचा गया। दोनों पर 25-25 हजार रुपये का इनाम था। दोनों मेटल स्क्रैप के कारोबारी हैं। दोनों की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली तिलक नगर निवासी कारोबारी तुषार गुप्ता को गिरफ्तार किया गया था। तुषार ने फर्जी तरीके से इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) लेकर 24 करोड़ रुपये का फर्जीवाड़ा किया था।
चार आरोपियों का दुग्ध उत्पादों का कारोबार
जीएसटी फर्जीवाड़े में शामिल संजय ढींगरा, मयंक ढींगरा और कनिका ढींगरा का दुग्ध से बने उत्पादों का बड़ा कारोबार है। तीनों एक ही परिवार के सदस्य हैं। उनकी गुड हेल्थ के नाम से कंपनी थी, जिसका नाम गिरफ्तारी के कुछ समय पहले आरोपियों ने बदल दिया था। बताया जा रहा है कि आरोपी की कंपनी का प्रचार जाने माने फिल्म अभिनेता ने किया था। तरुण जिंदल और ऋषभ जैन का भी मेटल समेत अन्य चीजों का कारोबार है।