यूपी में बारिश का कहर कुछ कम हुआ है। रविवार को पश्चिमी उत्तर प्रदेश को छोड़कर ज्यादातर जिलों में बारिश नहीं हुई। कहीं-कहीं बूंदाबांदी हुई। बारिश तो थम गई पर राज्य के कई हिस्सों में बाढ़ कहर बनकर टूट पड़ी है। कई गांव डूब गए। धान समेत सब्जियों की फसलें भी पानी से खराब हो गई हैं। उधर, लखीमपुर खीरी में बाढ़ के पानी में एक किशोरी और एक अधेड़ बह गए। मौसम विभाग के मुताबिक अगले तीन दिनों तक तेज बारिश के आसार नहीं हैं। बादलों की आवाजाही लगी रहेगी और कुछ स्थानों पर हल्की बारिश हो सकती है।
गोण्डा में घाघरा ने दिखाया रौद्ररूप, तीन दर्जन गांव पानी से घिरे
गोण्डा में घाघरा ने रौद्ररूप धारण कर लिया है। शुक्रवार से ही बढ़त बना चुकी घाघरा रविवार को खतरे के निशान से 89 सेमी पार पहुंच गई। जिले के तीन दर्जन से ज्यादा गांव बाढ़ से घिर गए हैं। हालांकि प्रशासन ने सिर्फ 25 गांवों के बाढ़ से प्रभावित होने की बात कही है। करनैलगंज तहसील के करीब डेढ़ दर्जन मजरे बाढ़ से प्रभावित हैं। बाराबंकी व गोण्डा जिले के सीमावर्ती गांवों में पानी भरने का सिलसिला जारी है। बैराजों से हो रहे डिस्चार्ज में कमी शुरू चुकी है लेकिन इसका असर सोमवार से दिखना शुरू होगा।
मुरादाबाद में बाढ़ में घिरे कई गांव
कोसी और रामगंगा के कहर से मुरादाबाद के पचास से ज्यादा गांव बाढ़ से घिरे हैं। मुरादाबाद के मूढापांडे, भोजपुर पीपलसाना, ठाकुरद्वारा, कुंदरकी में कई गांवों में बाढ़ का पानी घुसा है। सरकारी इंतजाम नाकाफी साबित हो रहे हैं। शनिवार को बारिश के चलते दृश्यता कम होने से लखनऊ से आने वाली फ्लाइट मुरादाबाद के बजाय पंतनगर (उत्तराखंड) में उतारी गई तो मुरादाबाद से जाने वाली फ्लाइट ही निरस्त करनी पड़ी।
लखीमपुर खीरी में बाढ़ के पानी ने अब कहर ढाना शुरू कर दिया है। शनिवार रात बाढ़ के पानी की तेज लहरों में एक किशोरी डूब गई और उसकी मौत हो गई जबकि पलिया इलाके में बाढ़ के पानी में फंसे पांच लोगों को एनडीआरएफ ने सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। हालांकि एक ग्रामीण अब भी लापता है। पहाड़ी नदी सुहेली और शारदा का पानी शनिवार रात को पलिया के कई गांवों में जा घुसा।