समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव द्वारा संतों की तुलना माफिया से करने के मठाधीश वाले बयान को लेकर शनिवार को यूपी के विभिन्न जिलों में भाजपा और हिन्दूवादी संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किए। इस दौरान हरदोई में भारतीय जनता युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने मोहल्ला सिनेमा चौराहा पर पूर्व मुख्यमंत्री और सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का पुतला फूंका। पुलिस ने कार्यकर्ताओं के हाथों से पुतला छीनने की कोशिश की। छीनाझपटी के बीच जिलाध्यक्ष समेत तीन कार्यकर्ता मामूली रूप से झुलस गए। अधजले पुतले को पुलिस कर्मियों ने छीनकर बुझा दिया।
भाजयुमो जिलाध्यक्ष आकाश सिंह की अगुवाई में दोपहर बाद महामंत्री प्रखर, भाष्कर मौर्या, जिला उपाध्यक्ष वीरेंद्र, अंशुमान, शिवेंद्र सिंह, मीडिया प्रभारी अनुज मिश्रा, मुकुल सिंह आशा, आशुतोष आजाद, मुनिराज आदि पदाधिकारी व कार्यकर्ता सिनेमा चौराहा पर पहुंचे। नारेबाजी करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के पुतले को आग लगा दी।इस दौरान सुरक्षा के लिए तैनात कोतवाली पुलिस के जवान पहुंच गए। पुतले को छीनने का प्रयास किया। इससे वह जमीन पर गिर गया। इसके बाद अधजले पुतले को जैसे तैसे पुलिस कर्मियों ने बुझाया। इस बीच भाजपाई नारेबाजी करते हुए नाराजगी जताते रहे। जिलाध्यक्ष ने बताया कि पुतले की छीनाझपटी के दौरान उनके अलावा शिवेंद्र सिंह व मुनिराज झुलस गए। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव का मठाधीश और माफिया वाला बयान निंदनीय है। उन्होंने साधू संतों का अपमान किया है।
सपा ने भी दी गांव-गांव पुतला फूंकने की चेतावनी
उधर, सपा जिलाध्यक्ष शराफत अली ने कहा कि धर्म की आड़ में राजनीति करने वाली भाजपा पूरे देश में जातीयता और धर्म के नाम पर आग लगा रही है। अगर देश में लोकतंत्र को खत्म करने का प्रयास सरकार की तरफ से किया जाएगा तो सपा के कार्यकर्ता चुप नहीं बैठेंगे। अन्यायी अत्याचारियों के पुतले गांव गांव फूंकने का काम सपा कार्यकर्ता व पदाधिकारी करेंगे। भाजपाइयों द्वारा सपा नेता का पुतला फूंकना निंदनीय है। प्रशासन से मांग है कि सुरक्षा और अमन से खिलवाड़ करने वालों पर कानूनी कार्रवाई की जाए। अगर ऐसी घटना पुन होती है तो सपाई भी चुप नहीं बैठेंगे।