बांदा जेल में मुख्तार अंसारी ने तीन साल ऐश से गुजारे थे। 07 अप्रैल 2021 को पंजाब की रोपड़ जेल से लाया गया था। खुद को बीमार बता जेल में व्हील चेयर पर बैठकर एंट्री की थी। उसे सुविधाएं देने में दो अधीक्षकों का निलंबन हुआ था।
मुख्तार अंसारी दूसरी बार जब बांदा मंडल कारागार लाया गया था, उसने यहां करीब तीन साल (35 माह 16 दिन) गुजारे। इस दौरान उसने दहशत और थैली की खनक से एक वरिष्ठ अधीक्षक और जेलर को अपना मुरीद बना लिया था। दोनों अफसरों के 16 माह के कार्यकाल (08 जनवरी 2022 से 04 अप्रैल 2023 तक) में उसने खूब मनमर्जी और ऐश की। पंजाब की रोपड़ जेल से मुख्तार अंसारी को बांदा मंडल कारागार सात अप्रैल 2021 को लाया गया था। उस वक्त कारागार का चार्ज जेलर पीके त्रिपाठी के पास था। 19 अक्तूबर 2020 से 16 मई 2021 तक उन्होंने बतौर प्रभारी जेल अधीक्षक चार्ज संभाला।
मुख्तार अंसारी के निरुद्ध रहने से बांदा मंडल कारागार हाई सिक्योरिटी जेल में शुमार हुई तो यहां उन्नाव कारागार से वरिष्ठ जेल अधीक्षक एके सिंह को भेजा गया। 17 मई 2021 से 23 दिसंबर 2021 तक उन्होंने चार्ज संभाला। वह मेडिकल लीव पर चले गए थे। बाद में उन्हें लखनऊ स्थित संपूर्णानंद प्रशिक्षण संस्थान से संबद्ध किया गया। जेलर पीके त्रिपाठी को जेल सुपर विजन का चार्ज मिला। बतौर प्रभारी जेल अधीक्षक दूसरी बार पीके त्रिपाठी ने 23 दिसंबर 2021 से आठ जनवरी 2022 तक चार्ज संभाला।
बेदाग पीके त्रिपाठी का स्थानांतरण कन्नौज कारागार हुआ तो जेलर वीरेंद्र कुमार वर्मा को सुपरविजन का मौका मिला। वह आठ जनवरी 2022 से 29 जनवरी 2023 तक बतौर प्रभारी जेल अधीक्षक तैनात रहे। तन्हाई बैरक में बंद मुख्तार अंसारी ने अपनी दहशत और थैली की खनक से उन्हें तोड़ लिया। उनके कार्यकाल के दौरान मुख्तार ने बांदा मंडल कारागार में ऐश किया। मुख्तार अंसारी को मनचाहा भोजन मिला। गुर्गों और परिचितों से सीसीटीवी की नजर से बचते हुए मोबाइल पर बातचीत की। मिलाई होती रही।
इसकी भनक शासन को लगी तो वीरेंद्र कुमार वर्मा को निलंबित कर दिया। इसके बाद रायबरेली से सुपरविजन के लिए वरिष्ठ जेल अधीक्षक अविनाश गौतम को भेजा गया। वह 30 जनवरी 2023 से चार अप्रैल 2023 तक रहे। तब भी मुख्तार अंसारी का जलवा बना रहा। उसे नियम विरुद्ध सुविधा मुहैया कराने की भनक शासन को लगी तो अविनाश गौतम को भी निलंबित कर दिया गया। लखनऊ स्थित संपूर्णानंद प्रशिक्षण कारागार भेजा गया था।
वारंट पर भेजा गया था पंजाब की रोपड़ जेल
मुख्तार को प्रोटक्शन वारंट पर पंजाब भेजने के मामले में वर्ष 2017 में तत्कालीन जेलर रंजीत सिंह, डिप्टी जेलर ताड़केश्वर प्रताप सिंह पर गाज गिरी थी। सात जून 2022 को तत्कालीन डीएम अनुराग पटेल व एसपी अभिनंदन ने कारागार का औचक निरीक्षण किया था। मुख्तार को वीवीआईपी ट्रीटमेंट दिया जा रहा था। मामले में डिप्टी जेलर वीरेश्वर प्रताप सिंह और चार बंदी रक्षकों को निलंबित किया गया था। वहीं, चित्रकूट जेल से बतौर प्रभारी जेलर बांदा मंडल कारागार तैनात रहे संतोष कुमार की भी मुख्तार अंसारी से नजदीकियां हो गई थीं। यहां से अपने मूल तैनाती चित्रकूट कारागार गए तो वहां पर मुख्तार के बेटे अब्बास अंसारी और निखत अंसारी को मुलाकात कराने नपे। उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई। उन्हें निलंबित भी किया गया।
मौत पर सीनियर सुपरिटेंडेंट को मिली थी धमकी
मुख्तार अंसारी की मौत की देर रात बांदा मंडल कारागार के वरिष्ठ जेल अधीक्षक वीरेशराज शर्मा के सीयूजी मोबाइल नंबर पर एक अनजान नंबर से 14 सेकेंड की धमकी की कॉल आई थी। धमकी देहरादून में बनाए गए फर्जी एक्सचेंज के जरिए दी गई थी। फर्जी एक्सचेंज चीन की एक कंपनी संग मिलकर चलाया जा रहा था। एसटीएफ ने दून से आरोपित को गिरफ्तारकियाथा।