मध्य यूपी और बुंदेलखंड के कई जिलों में बाढ़ का कहर जारी है। इन जिलों में 200 से अधिक गांव पानी से घिर गए हैं। इन गांवों का संपर्क मुख्यालयों से कट गया है। 500 से अधिक परिवारों को इन गांवों से बाहर निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। बुंदेलखंड में उरई बाढ़ से सबसे अधिक प्रभावित है। जहां यमुना और पहुज नदियां कहर बरपा रही हैं। दोनों नदियों में जलस्तर शनिवार को खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया। कालपी में यमुना के किनारे के कई गांवों में पानी घुसने से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। पचनद में शामिल सभी नदियों में पानी बढ़ने से आसपास के 15 से अधिक गांवों का संपर्क टूट गया है और सैकड़ों बीघा फसल जलमग्न हो गई है।
हमीरपुर में हालांकि यमुना का पानी खतरे का निशान छूकर थम गया है, लेकिन 24 घंटे से पानी से घिरे 50 से अधिक गांवों से अभी भी संपर्क टूटा हुआ है। यहां बेतवा का जलस्तर भी थमा है, दूसरे दिन भी प्रशासनिक अधिकारियों की टीमें अलर्ट मोड पर रहीं। फर्रुखाबाद में गंगा का जलस्तर बढ़ने से 25 से अधिक गांव पानी से घिर गए हैं। दर्जन भर सड़कों के कट जाने से तमाम गांवों का संपर्क टूट गया है। लोग नावों का सहारा लेकर आ जा रहे हैं। प्रशासन ने कुछ गांवों से लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। यहां शमसाबाद क्षेत्र में खेत गए एक युवक की बाढ़ के पानी में डूबने से मौत हो गई।
इटावा में चंबल और यमुना का जलस्तर चेतावनी बिंदु के ऊपर पहुंच गया है। यहां दो दर्जन गांवों में बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है। प्रशासन ने गांवों में पानी घुसने से पहले वहां से लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की योजना बनाई है। फतेहपुर में यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है। गंगा का जलस्तर भी चेतावनी बिंदु के ऊपर निकल गया है। यमुना के पानी से हजारों बीघा फसल डूब गई है। मुत्तौर-ललौली मार्ग पर मुड़ कटवा नाले के उफान से रास्ता बंद हो गया है। जिससे एक सैकड़ा गांवों का सम्पर्क टूट गय़ा है। उन्नाव में भी बाढ़ से घिरे 25 से अधिक गांवों में घरों तक पानी पहुंच गया है। गांव के लोग सुरक्षित जगहों पर जाने को मजबूर हो रहे हैं।