गोरखपुर के शाहपुर इलाके में रहने वाली एक महिला ने अपने नवजात का सौदा कर दिया। उसने बच्चा नर्सिंग होम के एक कर्मचारी के निसंतान रिश्तेदार को दे दिया। बाद में महिला ने शाहपुर थाने में केस दर्ज कराया। इसके बाद सक्रिय हुई पुलिस ने बच्चे को वापस करा दिया है। राप्तीनगर की एक महिला ने शाहपुर पुलिस को बताया कि अपने पति से उसका छह महीने से विवाद चल रहा है। वह अपनी मां के साथ राप्तीनगर फेज-1 में रहती है। उसकी मां एक अस्पताल में काम करती है। 10 सितंबर की रात में उसी अस्पताल में सीजर से महिला ने एक बच्चे को जन्म दिया। पति से विवाद और उसके पहले से दो बेटे (आठ वर्ष और तीन वर्ष) होने के कारण बच्चे को नहीं रखना चाहती थी।
80 हजार में बेची थी बच्चा
पुलिस की जांच में पता चला है कि महिला ने 80 हजार रुपये में बच्चे को बेचा था। निसंतान गरीब दंपति ने बच्चे की चाहत में कर्ज लेकर 48 हजार रुपये दिए थे, लेकिन बाकी की रकम का इंतजाम करने में देरी होने की वजह से बच्चे को बेचने वाली उसकी मां ने केस दर्ज करा दिया।
देवरिया के दंपति को दिया था बच्चा
महिला ने जिस अस्पताल में बच्चे को जन्म दिया वहीं की एक स्टाफ द्वारा बताया गया कि उसके देवरिया में रहने वाले एक रिश्तेदार के शादी को 15 साल हो गए, लेकिन आज तक बच्चे नहीं हुए। तुम बच्चे को उन्हें दे दो, वह इस बच्चे का अच्छे से पालन-पोषण करेंगे। मैंने 12 सितंबर को अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद समझौते के तहत अपने बच्चे को अस्पताल कर्मी के रिश्तेदार को दे दिया। वह मेरे बच्चे को लेकर चले गए। शाम को मुझे बच्चे की याद आई तो मैंने अस्पताल कर्मी से उसे वापस दिलाने के लिए कहा। लेकिन इसके बाद उसने मेरा फोन नंबर ब्लाक कर दिया।
क्या बोली पुलिस
सीएम गोरखनाथ योगेन्द्र सिंह ने कहा कि महिला को उसका बच्चा वापस करा दिया गया है। जांच में पता चला कि की लिखापढ़ी में मां ने स्वेच्छा से बच्चे को नर्स की रिश्तेदार को दिया था। लेकिन, फिर उसने बच्चा वापस पाने के लिए केस दर्ज कराया।