अनूप पासवान /कोरबा. थायराइड एक आम समस्या है जो डायबिटीज की तरह तेजी से फैल रही है. दरअसल, यह एक तितली के आकार की ग्रंथि है जो गर्दन के सामने होती है. यह अंग थायराइड हार्मोन का उत्पादन करता है जो शरीर के बेहतर कामकाज के लिए जरूरी है. जब यह हार्मोन का ज्यादा या कम उत्पादन करने लगता है, तब व्यक्ति को थायराइड की समस्या होती है. आयुर्वेद में थायराइड को किस तरह से उल्लेखित किया गया है और इसके क्या उपचार है इस विषय को लेकर हमने कोरबा जिले के निहारिका क्षेत्र में रहने वाले आयुर्वेद चिकित्सक डॉक्टर नागेंद्र शर्मा से बातचीत की.
उन्होंने लोकल 18 से बात करते हुए बताया कि थायराइड त्रिदोष रोग होता है, और आयुर्वेद में इसका आसान उपचार भी है. लेकिन प्रत्येक व्यक्ति का आहार- विहार अलग होता है इसलिए आयुर्वेद चिकित्सक से परामर्श करने के बाद ही आयुर्वेद का सेवन करना चाहिए. थायराइड को खत्म करने के लिए काचानर नामक औषधि उपयोग किया जा सकता है. इसके अलावा उन्होंने और भी उपाय बताएं…
एलोवेरा
एलोवेरा के सेवन से महिलाएं थायराइड कंट्रोल कर सकती हैं. यह वात और कफ दोनों को संतुलित करने का काम करता है. जिससे शरीर में थायराइड की बीमारी नहीं पनपने पाती है.
धनिया
थाइराइड कंट्रोल करने में धनिया भी बेहद कारगर है. धनिया और जीरा एक साथ लेने से गजब का फायदा देखने को मिल सकता है. इसके लिए धनिया और जीरा को रात में पानी में भिगोकर रख दें और सुबह उठने के बाद इसे छानकर खाली पेट पी जाएं. इससे थायराइड कंट्रोल हो सकता है.
प्राणायाम
प्राणायाम से भी थायराइड कंट्रोल किया जा सकता है. सुबह-सुबह प्राणायाम बेहद फायदेमंद होता है. कपालभाति करने से थायराइड हार्मोन का फंक्शन बेहतर कर थायराइड की बीमारी नहीं होने देता है. हर दिन 10-15 मिनट कपालभाति करना फायदेमंद होता है.
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FIRST PUBLISHED : September 14, 2024, 15:15 IST
Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.